देश भर के एयरपोर्ट अब और अधिक सुरक्षित होंगे। इसके लिए आंतरिक नियंत्रण इकाई (आईक्यूसीयू) का गठन किया गया है। यह एकीकृत तरीके से एयरपोर्ट की सुरक्षा प्रदान करेगी। यह प्रणाली क्षेत्रीय संपर्क योजना (उड़ान) के तहत आने वाले एयरपोर्ट को भी कवर करेगी। इसका उद्देश्य सुरक्षा प्रक्रियाओं में एकरूपता सुनिश्चित करना है।
इसके अलावा सुरक्षा कर्मियों के प्रदर्शन में सुधार के साथ ही अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठनों के तय मानक पर काम कर बेहतर सुरक्षा देगी। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने देशभर के 68 एयरपोर्ट पर तैनात विमानन सुरक्षा समूह (एएसजी) के लिए आईक्यूसीयू का गठन किया है। सुरक्षा मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गा है।
घटना प्रबंधन केंद्र, विमानन अनुसंधान और डेटा केंद्र, केंद्रीकृत संचार नियंत्रण केंद्र के साथ मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में इसका सहयोग लिया जाएगा। इसे विमानन सुरक्षा प्रशिक्षकों, राष्ट्रीय लेखा परीक्षकों और अनुभवी कर्मियों की एक टीम संचालित करेगी। नई अंतरराष्ट्रीय तकनीकों को अपनाने के लिए भी सिफारिश की जाएगी।
उप महानिरीक्षक सूचना दीपक वर्मा ने बताया कि सुरक्षा के क्षेत्र में आंतरिक नियंत्रण एक प्रभावशाली कदम साबित होगा। देश भर के एयरपोर्ट को एकीकृत सुरक्षा व्यवस्था होने से समन्वय और एकरूपता स्थापित होगा। केंद्र सरकार की उड़ान योजना को भी मजबूती मिलेगी।
ड्रोन तकनीक से विमानन सुरक्षा में क्रांति : प्रीत संधू
ड्रोन कंपनी एवीपीएन ने विमानन सुरक्षा क्षेत्र की सिक्योरिटी सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी करने की घोषणा की है। इस करार से विमानन सुरक्षा और बेहतर होगी। एयरपोर्ट की सुरक्षा प्रोटोकॉल को और अधिक मजबूत मिलेगी।
ड्रोन पायलटों को प्रशिक्षण भी मिलेगा। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के दिशा-निर्देशों के तहत युवा ड्रोन संचालन में दक्ष होंगे। इसके लिए एक रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन स्थापित किया जाएगा। एवीपीएल इंटरनेशनल की संस्थापक और प्रबंध निदेशक प्रीत संधू ने बताया कि तकनीकी शिक्षा और नवाचार को सशक्त बनाने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ मिलकर देश के युवाओं को अत्याधुनिक कौशल से लैस किया जाएगा। डीजीसीए प्रमाणित कार्यक्रम के तहत ड्रोन पायलट प्रमाणन, किसान ड्रोन ऑपरेटर प्रशिक्षण और ड्रोन तकनीशियन पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण मिलेगा।