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दिल्ली: सरकारी नौकरी की परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़

पुलिस ने इस मामले में ग्रेटर कैलाश के एक परीक्षा केंद्र पर एक डमी उम्मीदवार, एक स्कूल शिक्षक, एक कार्यालय अधीक्षक और एक महिला को गिरफ्तार किया है।

दक्षिण दिल्ली पुलिस ने सरकारी नौकरी की परीक्षा में नकल कराने वाले रैकेट का रविवार को भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में ग्रेटर कैलाश के एक परीक्षा केंद्र पर एक डमी उम्मीदवार, एक स्कूल शिक्षक, एक कार्यालय अधीक्षक और एक महिला को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने एक बयान में कहा कि आरोपियों ने जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) समिति के तहत जूनियर सचिवालय परिचर (जूनियर सेक्रेटेरियट अटेंडेंट) के पद के लिए परीक्षा में डमी उम्मीदवार को असली आवेदक का रूप धारण करने में कथित तौर पर मदद की थी।

दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अंकित चौहान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान डमी उम्मीदवार के रूप में उपस्थित हुए सोनीपत के गांव गोपालपुर निवासी सुमित दहिया, परीक्षा केंद्र के स्कूल में भौतिकी के शिक्षक सावित्री नगर निवासी बिमल कुमार सिंह, उसी स्कूल के कार्यालय अधीक्षक डीडीए फ्लैट्स, गढ़ी ईस्ट ऑफ कैलाश निवासी बलजीत सिंह और कंझावला की महिला के रूप में हुई है।

स्कूल स्टाफ से जुड़ी महिला ने मूल अभ्यर्थी अंकुर के दस्तावेज का इस्तेमाल कर सुमित दहिया को परीक्षा हॉल में प्रवेश दिलाने के लिए कथित तौर पर उसके साथ समन्वय किया।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि ये मामला 18 मई को तब प्रकाश में आया, जब ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन की एक टीम को हेमकुंट कॉलोनी के एक निजी स्कूल में नकल कराने के प्रयास की सूचना मिली थी।

सीबीएसई जेएनवी भर्ती परीक्षा आयोजित करा रहा था। पुलिस टीम के मौके पर पहुंचने पर स्कूल प्रिंसिपल ने पुलिस को नकल के बारे में सूचित किया। पुलिस ने कहा कि सत्यापन के बाद पता चला कि सुमित दहिया अंकुर नामक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में बैठा था।

इसके बाद मामला दर्ज किया गया और सुमित दहिया को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने कहा कि सुमित दहिया ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि असली अभ्यर्थी अंकुर के बदले परीक्षा में बैठने के लिए उसे एक बिचौलिए ने 6 लाख रुपये देने का वादा किया था।

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