दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के पहले खंड की सौगात जल्द मिलने वाली हैं। इस माह के अंत या फिर साल के पहले सप्ताह में इसका उद्घाटन किया जाएगा। 32 किलोमीटर लंबे इस खंड का निर्माण कार्य पूर कर लिया गया है। अब उद्घाटन को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खंड का उद्घाटन करेंगे। इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। जल्द ही इसकी तारीख तय की जाएगी।
32 किमी के इस खंड को दो हिस्सों में बांटकर निर्माण किया गया है। इसमें 14.75 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आता है। यह अक्षरधाम से शुरू होकर लोनी बाॅर्डर तक जाता है। इस हिस्से में पांच प्रवेश और निकास पॉइंट बनाए गए हैं। वहीं दूसरा हिस्सा 16.85 किलोमीटर है। यह लोनी से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) तक जाता है। खास बात यह है कि अक्षरधाम से एक्सप्रेस वे से चलने और बागपत ईपीई तक जाने पर टोल नहीं देना होगा। ऐसे में एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-बागपत के बीच आवागमन पर लोगों को जेब ढीली नहीं होगी। लोेग बागपत से दिल्ली के लिए बाधा मुक्त सफर कर सकेंगे।
यमुनापार में वाहनों का दबाव होगा कम…
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर जाने और निकलने की व्यवस्था शास्त्री पार्क के पास है। यहां पर कश्मीरी गेट से देहरादून जाने वाले वाहन शास्त्री पार्क के पास एक्सप्रेसवे पर जा सकेंगे। यूपी की तरफ से एक्सप्रेस-वे से आने वाले वाहन शास्त्री पार्क के पास निकल भी सकेंगे। दिल्ली के हिस्से में प्रवेश और निकासी पॉइंट को इस हिसाब से बनाया गया है कि दक्षिणी मध्य, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली के वाहनों चालकों की आवाजाही आसान हो सके।
35 मिनट में तय होगी अक्षरधाम से ईपीई तक की दूरी
अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में अक्षरधाम से ईपीई तक जाने में वाहन चालकों को डेढ़ घंटे का समय लगता है। एक्सप्रेसवे का पहला खंड शुरू होने से वाहन चालक 30 से 35 मिनट में यह दूरी तय कर लेंगे। यही नहीं पूर्वी दिल्ली की विभिन्न सड़कों पर से दो लाख के करीब वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।
बनाए गए हैं कई प्रवेश-निकासी पॉइंट..
एक्सप्रेसवे के दिल्ली हिस्से में अक्षरधाम, गांधी नगर-गीता कॉलोनी, आईएसबीटी-दिलशाद गार्डन मार्ग, खजूरी पुश्ता मार्ग पर प्रवेश और निकासी बनाए गए हैं। इसमें शास्त्री पार्क रेडलाइट के पास अलग से एक लूप बनाया गया है। इसकी मदद से कश्मीरी गेट बस अड्डे की तरफ से आने वाले वाहनों का हाइवे पर जाना आसान होगा। इसी तरह का इंतजाम खजूरी खास में भी है। 32 किलोमीटर लंबा खंड यमुनापार में गीता काॅलोनी, खजूरी खास, मंडोला और पंचगांव जैसी घनी आबादी वाली जगहों से गुजरता है। इसकी मदद से वाहन घनी आबादी वाले क्षेत्रों में जाने से बचेंगे।