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दिल्ली: 12 साल में सरकारी की तुलना में निजी स्कूल दोगुने से अधिक खुले

शिक्षा विभाग के अनुसार वर्ष 2012-13 में सरकारी स्कूलों की संख्या 969 थी जो वर्ष 2023-24 में 1061 हो गई। यानि इस अवधि के बीच 92 स्कूल खुले। जबकि निजी स्कूलों की संख्या वर्ष 2012-13 में 1468 थी जो बढ़कर वर्ष 2023-24 में 1682 हो गई। यानि इस दौरान 214 स्कूल खुले।

बीते 12 साल में दिल्ली में सरकारी की तुलना में निजी स्कूल दोगुना से अधिक खुले हैं। सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्य से लेकर शिक्षकों के 17 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। बीते वर्षों में स्कूलों में सिर्फ 12 हजार कक्षाओं का निर्माण हो सका। स्कूलों में माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर दस फीसदी को पार कर गई है। पहले के वर्षों की तुलना में कक्षा आठवीं, नौवीं और 11वीं में छात्रों के उत्तीर्ण होने के फीसद में गिरावट देखने को मिली है।

यह जानकारी अलग-अलग विधायकों द्वारा विधानसभा में सवाल पूछने पर शिक्षा विभाग ने दी है। विभाग के अनुसार वर्ष 2012-13 में सरकारी स्कूलों की संख्या 969 थी जो वर्ष 2023-24 में 1061 हो गई। यानि इस अवधि के बीच 92 स्कूल खुले। जबकि निजी स्कूलों की संख्या वर्ष 2012-13 में 1468 थी जो बढ़कर वर्ष 2023-24 में 1682 हो गई। यानि इस दौरान 214 स्कूल खुले। विभाग ने यूडीआईएसई के रिकॉर्ड के अनुसार यह जानकारी दी है। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की संख्या घटकर वर्ष 2023-24 में 199 रह गई है। जबकि वर्ष 2012-13 में दिल्ली में 211 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल संचालित हो रहे थे।

कक्षा नौवीं में सबसे ज्यादा छात्र फेल
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 में कक्षा आठवीं की 234894 छात्रों ने परीक्षा दी। उसमें 188232 छात्र उत्तीर्ण हुए। कक्षा नौवीं की 277198 छात्रों ने परीक्षा दी और उसमें 175867 छात्र उत्तीर्ण हुए। जबकि कक्षा 11 वीं की 216857 छात्रों ने परीक्षा दी और उसमें 164943 छात्र उत्तीर्ण हुए। वहीं वर्ष 2012-13 में नामांकित छात्रों की संख्या 1552026 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 1703292 हो गई।

शिक्षकों के 17 हजार से ज्यादा पद खाली
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य और शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए है। वर्ष 2024 के आंकड़ों के अनुसार प्रधानाचार्य के लिए 950 पद स्वीकृत है। इसमें 728 भरे और 222 पद खाली है। उप प्रधानाचार्य के 1670 स्वीकृत पदों में से 640 भरे और 1030 पद खाली है। इसके अलावा शिक्षकों के स्वीकृत 59582 पदों में से 41614 पद भरे और 17968 पद खाली पड़े है।

ड्रॉपआउट की दर दस फीसदी के पार
विभाग के अनुसार वर्ष 2023-24 में ड्रॉपआउट की दर माध्यमिक स्तर पर 10.4 फीसदी, उच्च प्राथमिक स्तर पर 0.6 फीसदी और प्राथमिक स्तर पर शून्य रही। जबकि वर्ष 2009-10 में कक्षा पहली से लेकर पांचवीं में 13.3 फीसदी और कक्षा पहली से लेकर दसवीं में दो फीसदी थी।

12वीं का पास फीसदी बढ़ा और दसवीं में आई गिरावट
विभाग के अनुसार वर्ष 2010-11 में कक्षा 12वीं का पास फीसद 87.54 था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 98.04 फीसद हो गया। जबकि कक्षा दसवीं का वर्ष 2010-11 में पास फीसद 99.09 था जो वर्ष 2023-24 में घटकर 97.46 फीसदी रह गया। विभाग ने कक्षा आठवीं, नौवीं और 11वीं उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को लेकर भी जानकारी साझा की है।

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