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दिल्ली AIIMS: स्पेस एजेंसी की तरह सुरक्षित होगा एम्स

23 नवंबर, 2022 में हुए साइबर अटैक के बाद लंबे समय तक एम्स की सुविधा बाधित रही थी। मरीज इलाज करवाने, जांच रिपोर्ट हासिल करने सहित दूसरे कार्य के लिए भटकते रहे। एम्स में इलाज करवा चुके पूर्व प्रधानमंत्री सहित अन्य की मेडिकल रिपोर्ट का डाटा की सुरक्षा भी दांव पर लग गई थी।

स्पेस एजेंसी की तर्ज पर अब एम्स भी सुरक्षित होगा। किसी भी प्रकार के साइबर अटैक को रोकने के लिए एम्स एडवांस सुविधा विकसित कर रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी।

23 नवंबर, 2022 में हुए साइबर अटैक के बाद लंबे समय तक एम्स की सुविधा बाधित रही थी। मरीज इलाज करवाने, जांच रिपोर्ट हासिल करने सहित दूसरे कार्य के लिए भटकते रहे। एम्स में इलाज करवा चुके पूर्व प्रधानमंत्री सहित अन्य की मेडिकल रिपोर्ट का डाटा की सुरक्षा भी दांव पर लग गई थी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एम्स आर्मी, स्पेस एजेंसी की तर्ज पर एडवांस साइबर सुविधा विकसित कर रहा है।

एम्स में 90 फीसदी मरीज ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेते हैं। 100 फीसदी रिपोर्ट का आदान-प्रदान, फाइल की लेन-देन ऑनलाइन ही हो रहा है। इसके अलावा मरीजों की सुविधा के लिए विशेष रेफरल सिस्टम तैयार किया गया है। इसकी शुरूआत होने पर देशभर से एम्स में आने वाले मरीजों को जरूरत के आधार पर उसी जगह पर इलाज दिया जा सकेगा।

एम्स ने शुरू में दूसरे राज्यों में विकसित हुए एम्स के साथ करने का फैसला लिया है। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में रेफरल सिस्टम को विकसित करने के लिए एम्स ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी गई है। एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने सोमवार को विशेष बातचीत में पिछले एक साल का लेखाजोखा पेश किया। साथ ही भविष्य की योजनाएं बताईं। उन्होंने कहा कि रेफरल सिस्टम विकसित होने से मरीज को इलाज के लिए सड़क पर भटकने की जरूरत नहीं रहेगी। जरूरत के आधार पर मरीज को उपचार देकर आगे के इलाज के लिए संबंधित इलाज के लिए भेज दिया जाएगा।

आपातकालीन मरीजों के लिए एम्स ट्रामा सेंटर में 200 बिस्तर का क्रिटिकल केयर सेंटर विकसित होगा। मौजूदा समय में एम्स की इमरजेंसी में 200 बेड की सुविधा है। यहां रोजाना औसतन 800 मरीज इलाज करवाने आते हैं। वार्ड में जगह न हो पाने के कारण केवल 50 मरीज को ही भर्ती कर पाते हैं। सेंटर बनने के बाद भविष्य में आपातकालीन में बिस्तर की संख्या दोगुनी हो जाएगी।

डॉक्टरों की सुरक्षा होगी मजबूत
एम्स में आरजी कर मेडिकल कॉलेज जैसी घटना न हो। इसे लेकर सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक में इसका पायलट प्रोजेक्ट किया जा रहा है। इसके अलावा रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए हॉस्टल बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।

एम्स में फैकल्टी के 30 फीसदी पद खाली
एम्स फैकल्टी के करीब 30 फीसदी पद खाली हैं। इन्हें अनुबंध के आधार पर भरा जा रहा है। एम्स में करीब 1200 पद हैं।

मरीजों के लिए बढ़ेगी यह सुविधा
मौजूदा बिस्तर 3600, मैदान गडी में आमी अस्पताल शुरू होने पर जुड़ेंगे एक हजार बिस्तर।

सुविधाओं का विस्तार
मिल रही 24 घंटे जांच की सुविधा, बढ़ाए गए दवा के लिए सेंटर
50 लाख मरीजों को मिला इलाज, तीन लाख की हुई सर्जरी, 9 लाख मरीजों का बना आभा कार्ड

मिलेगी यह सुविधा भी
मिलेंगे 5 नए विश्राम स्थल, मरीजों व तीमारदार को मिलेंगे 1516 बेड, एक वेटिंग एरिया
सीएसआर फंड की मदद से बढ़ाई जा रही सुविधा, मिल चुके 250 करोड़ रुपये
शोध को दिया जाएगा बढ़ावा, एआई के साथ मशीन लर्निंग पर जोर, दी जा रही रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग
आत्म निर्भर भारत के लिए सेंटर फॉर मेडिकल इनोवेशन को लेकर हो रहा काम

एम्स में यहां बढ़े बिस्तर
मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक में 425 बिस्तर
सर्जरी ब्लॉक में 200 बिस्तर
सेंटर फॉर एजिंग में 200 बिस्तर

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