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दिवाली से पहले हरियाणा में हुई हवा जहरीली

दिवाली से पहले हरियाणा में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक हो गई है। रविवार को एनसीआर क्षेत्र के बल्लभगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 305 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इसके अलावा बहादुरगढ़, रोहतक, नारनौल और गुरुग्राम जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ स्तर पर दर्ज की गई।

प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए राज्य में ग्रैप (GRAP) के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। इससे पहले 14 अक्टूबर को ग्रैप का पहला चरण लागू हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ इलाकों में अधिकतम AQI 500 तक पहुंच रहा है। दिवाली के दौरान पटाखों की वजह से प्रदूषण में और तेजी आने की आशंका है। अनुमान है कि दिवाली के बाद प्रदेश में AQI का स्तर दोगुना हो सकता है, जिससे वातावरण ‘गैस चैंबर’ में बदल सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर सांस और हृदय रोगियों पर पड़ सकता है।

ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी पटाखों पर पाबंदी

राज्य सरकार ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, इसके बावजूद बाजारों में परंपरागत पटाखों की बिक्री जारी है, जो प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करता है।

11 जिलों में प्रदूषण ‘मध्यम’ स्तर पर

हरियाणा के 11 जिलों — सोनीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, अंबाला, पंचकूला, करनाल, जींद, पानीपत और यमुनानगर — में वायु प्रदूषण का स्तर ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। प्रदेश के कुछ अन्य हिस्सों में अभी भी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

हिसार में डेटा नहीं, भिवानी में सबसे साफ हवा

हिसार में AQI मापने वाला यंत्र बंद पड़ा है, जिससे वहां का सटीक डेटा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वहीं, भिवानी में सबसे कम AQI 33 दर्ज किया गया, जो कि ‘अच्छी’ श्रेणी में आता है।

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