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 दीपोत्सव में बनाएं ये पांच तरह की पारंपरिक मिठाई

दिवाली का त्योहार हो और मिठाई की बात न हो ये कैसे हो सकता है। हर साल दीपावली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। वैसे तो दिवाली की तैयारी घरों में लगभग 1 महीने पहले से शुरू कर दी जाती है। इस दिन हर घर में पकवान बनाए जाते हैं। दिवाली के पांच दिवसीय पर्व में तरह-तरह की मिठाईयां बनाई जाती हैं, जैसे रसगुल्ला, रसमलाई, चम-चम, गुझिया, संदेश आदि। चलिए जानते हैं कि दिवाली के पांच दिन किन पांच पारंपरिक मिठाइयों को आसानी से बनाया जा सकता है।

खोया की गुझिया
वैसे तो गुझिया होली के मौके पर बनाने की परंपरा है लेकिन कई जगहों पर दिवाली पर भी गुझिया बनाई और खाई जाती है। ये खोया, मेवे, चीनी और मैदा से बनने वाली स्वादिष्ठ मिठाई है। इसमें मैदे की पूड़ी के अंदर खोया से बनाया हुआ मिश्रण भरा जाता है और फिर तेल में डीप फ्राई किया जाता है। ये खाने में बेहद लजीज लगती है।

अनरसे
अनरसे एक पारंपरिक मिठाई है, ये महाराष्ट्रीयन पकवान है। इसको बनाने की शुरुआत तीन दिन पहले से कर दी जाती है। ये चावल, चीनी और खसखस की बनी मिठाई होती है जो कि खाने में एक तरफ से मुलायम और एक तरफ से थोड़ी कुरकुरी होती है और अनरसे की यही बात इसे लाजबाब बनाता है।

लड्डू
दिवाली में भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस मौके पर उन्हे लड्डू का भोग लगाया जाता है। गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू का भोग अर्पित करते हैं, जिसे घर पर बनाना आसान है। इसके लिए बेसन, चीनी की जरूरत होती है। बेसन से बूंदी बनाकर चाशनी में मैश करते हुए मोतीचूर के लड्डू बनाए जा सकते हैं।

कलाकंद
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के मौके पर सफेद रंग की दूध की मिठाई का भोग अर्पित होता है। ऐसे में कलाकंद आसानी से घर पर बनाया जा सकता है। ये उत्तर भारत की लोकप्रिय मिठाई है, जिसे बनाने के लिए दूध, खोया या पनीर की जरूत होती है।

मैसूर पाक
मैसूर पाने खाने में बहुत टेस्टी होती है। ये बेसन चीनी, घी, मेवे से बनी होती है। मैसूर पाक को घर पर बनाना आसान है। भाई दूज के मौके पर टीका करके भाई का मुंह मैसूर पाक से मीठा किया जा सकता है।

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