देशभक्ति और जोश से भर देंगे बापू के ये अनमोल विचार
आज का दिन भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम दिन है। 2 अक्टूबर वही दिन है, जब भारत को एक ऐसे रत्न की प्राप्ति हुई, जिसने आजाद भारत के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाई। हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी की, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर उन्होंने पूरे ब्रिटिश शासन की जड़े हिला दी थी। उनके इसी अहम योगदान को देखते हुए हर साल 2 अक्टूबर का दिन Gandhi Jayanti के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं बापू से जुड़ी कुछ अहम बातें और उनके कुछ प्रेरक विचारों के बारे में-
महात्मा गांधी का जीवन
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए गांधी जी ने भारत को स्वतंत्रता हासिल करने में मदद की। उनके अथक प्रयास और देशप्रेम के बल पर साल 1947 में देश ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की थी।
आजादी की लंबी लड़ाई लड़ते हुए महात्मा गांधी असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। अहिंसा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया है।
महात्मा गांधी से जुड़ी जरूरी बातें
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी, जिसके बाद से ही उन्हें महात्मा गांधी कहा जाने लगा। इसके अलावा उन्हें प्यार से ‘बापू’ और ‘पिता’ भी कहा जाता है। एक वकील, राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिनके विचार आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। आइए पढ़ते गांधी जी के ऐसे ही कुछ प्रेरक विचारों के बारे में-
- ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है ।
- आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी।
- निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।
- स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है। जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे ।
- आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों।
- कमजोर लोग कभी माफ नहीं कर सकते, माफी मजबूत लोगों का गुण है।
- दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, वह खुद बनिए।
- एक राष्ट्र की संस्कृति लोगों के दिलों में और आत्मा में बसती है।
- जब तक आप किसी को वास्तव में खो नहीं देते तब तक आप उसकी अहमियत नहीं समझते।
- कुछ करना है तो प्यार से करें, वरना न करें।
- क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।