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देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जल्द भरेगी रफ्तार: चेन्नई में 8 कोच तैयार

देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जींद और सोनीपत के बीच जल्द रफ्तार भरती दिखाई देगी। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी में ट्रेन के 8 कोच तैयार कर लिए गए हैं। परीक्षण के बाद कोच के रंग-रोगन का काम भी पूरा हो चुका है। हाइड्रोजन इंजन लगने के बाद चेन्नई से पूरी ट्रेन को जल्द जींद के लिए रवाना कर दिया जाएगा। यह ट्रेन सितंबर में ट्रैक पर दौड़ती नजर आ सकती है।

जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन के बाद भारत इस तकनीक को अपनाने वाला देश बन गया है। इसके लिए जींद में आधुनिक हाइड्रोजन प्लांट भी बनकर तैयार हो गया है। गेट और दीवार का काम अंतिम चरण में है। हाइड्रोजन ट्रेन की रफ्तार 110 से 140 किमी. प्रति घंटा होगी। फिलहाल अन्य ट्रेनों की रफ्तार 120 किमी निर्धारित है।

यह ट्रेन सबसे लंबी और ताकतवर हाइड्रोजन ट्रेन होगी, जो 2500 यात्रियों को ले जा सकेगी। यह ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित होगी। संचालन के दौरान केवल पानी और भाप उत्सर्जित करेगी। डीजल ट्रेनों के विपरीत इसमें कार्बन उत्सर्जन शून्य होगा। 1,200 हार्स पावर की इस ट्रेन पर 82 करोड़ के लगभग लागत आई है। (संवाद)

जींद के 3 और दिल्ली के 2 लोको पायलट को दी गई ट्रेनिंग
हाइड्रोजन ट्रेन संचालन के लिए जींद के 3 और दिल्ली के 2 कुल पांच लोको पायलट को चेन्नई में 3 से 10 अगस्त के बीच ट्रेनिंग दी गई है। इस दौरान लोको पायलट को हाइड्रोजन ट्रेन की तकनीकी और संचालन से जुड़ी बारीकियों को बताया गया।

मुख्यमंत्री सैनी ने जल्द ट्रेन चलने का किया था इशारा
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिछले दिनों इस प्रोजेक्ट को लेकर अपने एक्स अकांउट पर ट्रेन का एक वीडियो शेयर किया था। तब उन्होंने लिखा था, जींद-गोहाना-सोनीपत ट्रैक पर जल्द ही पर्यावरण और अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित हाइड्रोजन ट्रेन जल्द रफ्तार पकड़ेगी। इससे पहले रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने भी अपने एक्स हैंडल पर ट्रेन का वीडियो साझा किया था। इसमें ट्रेन के डिजाइन और तकनीक के बारे में जानकारी दी गई थी।

अधिकारी के अनुसार
सितंबर में हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन हो सकता है। हालांकि अभी तक कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। वहीं हाइड्रोजन प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है। -अजय माइकल, पीआरओ, डीआरएम नई दिल्ली।

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