आयुष मंत्रालय की ओर से भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ मिलकर पहली बार आयुर्वेद आहार रेसेपी को सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय स्तर पर प्राचीन आयुर्वेद पुस्तकों और ग्रंथों के आधार पर आयुर्वेद आहार रेसेपी की सूची तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है।
परेड ग्राउंड में चल रहे विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के दूसरे दिन आयोजित सत्र में विशेषज्ञों ने आयुर्वेद आहार का प्रस्तुतीकरण दिया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्था डीम्ड विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मीता कोटेचा ने कहा, जब में अपने घर में पारंपरिक भोजन बनाते हैं, वहीं आयुर्वेद आहार होता है।
कहा, परंपरा और त्योहारों को वैज्ञानिक दृष्टि से देखेंगे तो आयुर्वेद मिलेगा। शारीरिक व मानसिक विकास में न्यूट्रीशियन की भूमिका अहम होती है। आयुष मंत्रालय की ओर से पहली बार आयुर्वेद आहार रेसेपी को अलग-अलग श्रेणी में सूचीबद्ध किया जा रहा है। इसके लिए मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है।
एफएसएसएआई की ओर से हेल्थ सप्लीमेंट के लिए मेडिसिन, न्यूट्रीशियन, विशेष डाइट के हिसाब से आहार की सूची बनाई है। इसमें अब आयुर्वेद आहार को शामिल किया जाएगा। उन्होंने माना, आयुर्वेद के नाम पर बाजार में कई तरह के उत्पाद बिक रहे हैं। जिसमें आयुर्वेद के पोषक तत्व कम होते हैं।
कहा, जमाने के हिसाब से भी हमें आयुर्वेद आहार रेसेपी में बदलाव लाना होगा। फिलहाल दो साल तक के बच्चों के लिए आयुर्वेद आहार देने का परामर्श नहीं दिया जाएगा। प्रो. अनुपम श्रीवास्तव भी आयुर्वेद आहार रेसेपी और मार्केटिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।