उत्तराखंडराज्य

धराली आपदा : खराब मौसम फिर बना बचाव में बाधा, अब तक 1273 लोगों का रेस्क्यू

आपदाग्रस्त धराली में पुलिस ने खोज और बचाव अभियान का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इसके लिए आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी को इंसीडेंट कमांडर और कमांडेंट एसडीआरएफ अर्पण यदुवंशी को डिप्टी कमांडर बनाया गया है। धराली में फंसे 1273 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाल लिया गया है। अब लापता लोगों की तलाश की जाएगी।

डीजीपी ने की अहम बैठक
डीजीपी दीपम सेठ ने ग्राउंड जीरो पर ज्यादा से ज्यादा तकनीकों और मानव संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए खोज और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में रविवार को पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। डीजीपी ने बैठक में सबसे पहले एडीजी कानून व्यवस्था, आईजी पीएसी, आईजी एसडीआरएफ, टेलीकॉम, फायर आदि अधिकारियों से अब तक के अभियान की जानकारी ली। उन्होंने वहां मौजूद अन्य एजेंसियों और विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के कार्य की प्रशंसा की। इसके आगे अब उन्होंने दूसरे चरण की कार्ययोजना पर चर्चा की। इस चरण में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए।

बनाई जाएगी ठोस रणनीति
उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राउंड जीरो को डीएम, एसपी, सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ आदि विभागों और अधिकारियों के साथ मिलकर सेक्टर में बांटा जाए। अलग-अलग सेक्टरों में अधिकारियों को दायित्व बांटकर एक ठोस रणनीति बनाई जाए। वहां पर एसडीआरएफ, फायर सर्विस और पीएसी की पर्याप्त संख्या में तैनाती के निर्देश दिए। इसके अलावा जो लोग लापता हैं उनकी सूची भी तैयार करने के लिए डीजीपी ने कहा। उन्होंने इस कार्य के लिए स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लेने के निर्देश दिए।

24 घंटे अलर्ट रहने की निर्देश
घटनास्थल को रेड फ्लैग करने के बाद वहां पर आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने के लिए कहा गया। डीजीपी ने ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरे, विक्टिम लोकेटिंग कैमरे और डॉग स्क्वाड जैसी तकनीकी और मानव संसाधन क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सर्च अभियान तेज करने को कहा। साथ ही पुलिस को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहकर हर गतिविधि की रीयल टाइम रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए ताकि किसी भी आवश्यकता या आपात स्थिति में त्वरित निर्णय लिया जा सके।

हर्षिल में बनी झील से पानी निकासी का काम मैनुअल करने की तैयारी
सिंचाई विभाग हर्षिल में बनी कृत्रिम झील से पानी की निकासी रास्ता बनाने का काम मैनुअल करने की तैयारी में है। सिंचाई विभाग के अधिकारी और श्रमिक आज हेलिकाप्टर के माध्यम से हर्षिल जाएंगे। अधिकारियों को वहीं पर कैंप करने का भी निर्देश दिया गया है। वहीं झील पर जल निकासी का कार्य करने के लिए यूजेवीएनएल की टीम भी हर्षिल पहुंच गई है।

झील बनी चिंता का विषय
पांच अगस्त का आई आपदा में तेलगाड से मलबा आने के कारण भागीरथी नदी में एक कृत्रिम झील बन गई है। यह झील चिंता का विषय बनी हुई है। पोकलेन के माध्यम से मलबा हटाकर झील के पानी की निकासी की योजना बनाई गई थी, इसके लिए अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था। पर रास्ता खुलने और पोकलेन के पहुंचाने में कुछ समय लग सकता है, ऐसे में मलबा हटाकर जल निकासी के लिए मैनुअल काम करने का फैसला लिया गया है।

हेलिकाप्टर से जाएंगे मजदूर और जेई
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय राज ने कहा कि हेलिकाप्टर के माध्यम से 20 श्रमिक, एक एई, एक जेई को भेजा जाएगा। यह दल झील में मैनुअल काम और कुछ मुहाना साफ कर पानी की निकासी का रास्ता बनाने की संभावना को देखेगा। अगर यह संभावना मिलती है, तो काम शुरू किया जाएगा। अधिकारी वहीं पर कैंप करेंगे। अभी भी झील से पानी की निकासी हो रही है, ऐसे में चिंता की बात नहीं है।

झील का पानी सड़क पर बह रहा
जो कृत्रिम झील बनी है, उसका पानी गंगोत्री हाईवे पर करीब 500 मीटर में बह रहा है। झील का पानी कम होता है, तो आगे रास्ता भी साफ हो सकेगा। पानी के कारण मार्ग खराब हुआ है, उसको बनाने का भी काम करना होगा।

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