
पूर्व राज्य मंत्री जगमोहन बघेल ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर भारतीय संस्कृति की एक महान प्रतीक हैं। उनके शासनकाल में किए गए कार्य, जैसे मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण, समाज में समरसता और न्याय की स्थापना, आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
धौलपुर शहर में शनिवार को देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसने पूरे शहर को भक्ति और उत्साह के रंग में रंग दिया। इस शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु, समाजसेवी, महिला मंडल और युवा संगठनों के सदस्य शामिल हुए। बैंड-बाजों, ढोल-नगाड़ों और आकर्षक झांकियों के साथ यह आयोजन शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरा और पंचमुखी हनुमान मंदिर पर जाकर सम्पन्न हुआ। इस आयोजन ने न केवल देवी अहिल्याबाई के योगदान को याद किया, बल्कि समाज में सेवा और समरसता की भावना को भी प्रेरित किया।
भक्तिमय माहौल में निकली शोभायात्रा
धौलपुर के महात्मा नंद बगीची से शुरू हुई यह भव्य शोभायात्रा पुराने शहर के प्रमुख मार्गों पुराना हॉस्पिटल, हरदेव नगर, जगन चौराहा और लाल बाजार से होती हुई गरुड़पुरा स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर पर पहुंची। शोभायात्रा में शामिल लोग पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुए थे। इस दौरान ढोल-नगाड़ों की धुन के साथ ‘जय अहिल्या माता’ के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। रास्ते में कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। झांकियों के माध्यम से देवी अहिल्याबाई के जीवन, उनके सामाजिक कार्यों और सेवा भावना को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
देवी अहिल्याबाई के योगदान की गाथा
शोभायात्रा में शामिल झांकियों ने देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन और उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों को खूबसूरती से दर्शाया। उनके शासनकाल में निर्मित घाट, मंदिर और धर्मशालाएं आज भी उनकी धर्मनिष्ठा और दूरदर्शिता का प्रतीक हैं। इन झांकियों ने न केवल उनके सामाजिक योगदान को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे उन्होंने न्याय, धर्म और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए।
पूर्व राज्य मंत्री ने की सराहना
इस अवसर पर राजस्थान सरकार के पूर्व राज्य मंत्री जगमोहन बघेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर भारतीय संस्कृति की एक महान प्रतीक हैं। उनके शासनकाल में किए गए कार्य, जैसे मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण, समाज में समरसता और न्याय की स्थापना, आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने विशेष रूप से उनके द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। बघेल ने युवा पीढ़ी से अपील की कि वे देवी अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरणा लें और समाज में सेवा और समरसता की भावना को बढ़ावा दें।
सामाजिक संगठनों का संयुक्त प्रयास
इस भव्य शोभायात्रा का आयोजन धौलपुर के मालवा समाज, महिला समितियों और युवा संगठनों के संयुक्त प्रयासों से किया गया। आयोजकों ने बताया कि यह आयोजन केवल देवी अहिल्याबाई को श्रद्धांजलि देने का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज में संस्कार, परंपरा और सेवा भावना को जागृत करने का एक प्रयास भी है। इस शोभायात्रा ने स्थानीय लोगों को एकजुट करने और सामाजिक एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजकों ने इसे एक वार्षिक परंपरा के रूप में स्थापित करने की इच्छा जताई ताकि आने वाली पीढ़ियां भी देवी अहिल्याबाई के आदर्शों से प्रेरित हो सकें।
भजन-कीर्तन के साथ समापन
शोभायात्रा का समापन पंचमुखी हनुमान मंदिर पर भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और मंदिर परिसर में भक्ति और उत्साह का माहौल बना रहा। भजन-कीर्तन के बाद लोगों में प्रसाद वितरण ने सामुदायिक एकता को और मजबूत किया।