नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम,विस्फोटक एवं नक्सली बरामद
बिहार में नक्सलियों की एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई। जमुई जिले के बरहट के भरारी जंगलों से सीआरपीएफ एवं जिला पुलिस के जवानों ने एक बार फिर काफी संख्या में विस्फोटक एवं नक्सली सामान की बरामद किया।
जमुई जिले के बरहट के भरारी जंगलों से सीआरपीएफ एवं जिला पुलिस के जवानों ने शनिवार को एक बार फिर काफी संख्या में विस्फोटक एवं नक्सली सामान की बरामदगी की। समय रहते एसपी व इंटेलिजेंस ब्यूरो को नक्सलियों के मंसूबों की जानकारी मिल गई जिससे नुकसान नहीं हुआ। 215 सीआरपीएफ कमांडेंट व एएसपी अभियान ओंकारनाथ सिंह के नेतृत्व में सर्च अभियान चलाया गया।
सर्च अभियान की टीम जब भरारी जंगल पहुंची तो जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने तकरीबन 15 किलो का आईडी बंम लगाकर रखा था जिसे जवानों द्वारा एहतियात के साथ जंगल में ही डिफ्यूज कर दिया। नक्सली तो पुलिस के हाथ नहीं लगे किन्तु नक्सलियों द्वारा जंगल में छुपा कर रखा गया भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री,कारतूस, नक्सलियों से जुड़ा साहित्य, मेडिसिन, वर्दी सहित कई आपत्तिजनक सामान की बरामदगी की गई।
बरामद सामग्री में आईईडी 15 किग्रा, गोला बारूद, वाकी टॉकी, मोबाइल व बैटरी, पेंसिल सेल, नक्सल वर्दी, कपड़े,वायलेट,की रिंग, नक्सल झंडा,नक्सल बैनर, आधार, वोटर व पैन कार्ड, ज्वैलरी बिल बुक, फंड कलेक्शन, रसीद बुक, एसबीआई चेक बुक, नक्सल तस्वीरें,बड़े आकार की कुंजी, ग्रामीण बैंक पासबुक,क्लॉथ किट बैग, सिम कार्ड,नक्सली वर्दी व साहित्य को बरामद किया गया है।
नक्सलियों द्वारा बरामद सामानों में मनोरमा ज्वेलर्स के घर से लूटे गए आधार कार्ड,पैन कार्ड,चेक बुक तथा बिल बुक की बरामदगी भी की गई है। यहां बताते चलें कि बीते 3 वर्ष पूर्व नक्सलियों ने मनोरमा ज्वेलर्स के मालिक राजू साव के घर मलयपुर बस्ती पर धावा बोलकर काफी मात्रा में स्वर्ण आभूषण,नगदी, लैपटाप सहित कई महत्वपूर्ण कागजात ले लिए थे। जिसकी बरामदगी आज तक नहीं हो पाई थी। हालांकि इस घटना में शामिल कई नक्सली पुलिस पकड़ में आए लेकिन सामान की बरामदगी नहीं हो पाई थी।
बहरहाल लूटे गए सामान की बरामदगी अभी भी पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। सर्च दल में सीआरपीएफ द्वितीय कमांडेंट मनोज कुमार उप कमांडेंट बीके मीणा, सहायक उप कमांडेंट प्रणब प्रकाश, सहायक कमांडेंट जी अरविंद कुमार राय, जीडी शांतुन कुमार नायक सहित बरहट थाना एवं नक्सल एवं तकनीकी सेल के जवान भी शामिल थे।