अध्यात्म

नवरात्र में जला रहे हैं अखंड ज्योत, तो जरूर जान लें ये नियम

नवरात्र की अवधि को माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसी के साथ यह माना जाता है कि नौ दिनों में अखंड ज्योत ( Akhand Jyoti Importance) जलाने से माता रानी साधक की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं। पूरे नौ दिनों तक बिना बुझे लगातार ज्योत जलाने को अखंड ज्योत कहा जाता है। वहीं, इस ज्योत का बुझना अशुभ माना गया है। ऐसे में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि साधक और उसके परिवार पर माता रानी की कृपा बनी रहे।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2024 Shubh Muhurat)
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 03 अक्टूबर, 2024 को रात 12 बजकर 18 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्र की शुरुआत गुरुवार 03 अक्टूबर को होगी। इस दौरान घट स्थापना का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा –

घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 22 मिनट तक
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक

अखंड ज्योत के नियम (Akhand Jyoti Rules)

  • ज्योत जलाते समय ‘करोति कल्याणं,आरोग्यं धन संपदाम्,शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • अखंड ज्योत के दीपक को कभी भी सीधे जमीन पर न रखें। इसे हमेशा अन्न जैसे जौ, चावल या गेहूं की ढेरी पर रखना चाहिए।
  • यदि आप घी से ज्योत जला रहे हैं, तो इसे दाईं ओर रखें। वहीं, तेल से जलायी ज्योत को बाईं ओर रखना चाहिए।
  • ज्योत जलाने के बाद घर को कभी भी अकेला न छोड़ें और न ही घर में ताला लगाएं।
  • ध्यान रखें कि अखंड ज्योत जलाने के लिए कभी भी टूटे हुए या पहले इस्तेमाल हो चुके दीपक का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • नौ दिन पूरे होने के ज्‍योत को अपने आप बुझने देना चाहिए।

ज्योत को बुझने से ऐसे बचाएं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अखंड ज्योत का बुझना अशुभ माना जाता है। ऐसे में अगर आप मिट्टी से बने दीपक में अखंज ज्योति जला रहें हैं, तो एक दिन पहले इस दीपक को दिनभर पानी में भिगोकर रखें। ज्योत में समय-समय पर तेल या फिर घी डालते रहें, जिससे ज्योति देर तक जलती रहे। वहीं आप मिट्टी के बड़े आकार के दीपक का इस्तेमाल कर सकते हैं। ज्योत को हवा से भी बचाकर रखें।

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