मध्यप्रदेशराज्य

नीट में पास हो चुके बच्चों की पीएम मोदी से गुहार

NEET-इंदौर के बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी से की अपील, संभागायुक्त को सौंपा ज्ञापन, फिर से परीक्षा कराने पर रोक लगाने की मांग |

नीट NEET की परीक्षा में लगातार फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। परीक्षा के पेपर लीक होने से लेकर अब तक कई बड़े खुलासे हो चुके हैं। इन सबके बीच नीट की परीक्षा फिर से करवाने की भी मांग उठने लगी है। परीक्षा में पास हो चुके छात्र इन सब बातों से बेहद परेशान हैं और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी PM Modi से गुहार लगाई है। छात्रों का कहना है कि दो से तीन साल तक उन्होंने दिन रात मेहनत की और परीक्षा में सफलता प्राप्त की। रिजल्ट आने पर मिठाई बांटी, दोस्त, रिश्तेदार सभी खुश हैं। अब फिर से परीक्षा करवाने की बात उठ रही है और यह जरूरी नहीं कि जो बच्चे पिछली बार परीक्षा में बेहतर मार्क्स लाया हो वह फिर से बेहतर कर सके। इंदौर के छात्रों ने पीएम नरेंद्र मोदी से गुहार लगाते हुए एक ज्ञापन संभागायुक्त दीपक सिंह को सौंपा है।

अर्णव पांडे और उनके पिता डाक्टर विनीत पांडे ने बताया कि हम दस से 15 बच्चे और उनके पैरेंट्स आज संभागायुक्त से मिले। हमने पीएम नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के नाम एक ज्ञापन दिया है। सुप्रीम कोर्ट में नीट की सुनवाई चल रही है और परीक्षा एजेंसी के द्वारा 1563 प्रभावित बच्चों की फिर से परीक्षा 23 जून को करवाने का निर्णय ले लिया गया गया है। छात्रों का एक वर्ग और कुछ अन्य समूह पूरी नीट परीक्षा फिर से करवाने की मांग कर रहे हैं।

पास हो चुके बच्चों का मनोबल टूटेगा
पैरेंट्स ने इस ज्ञापन में निवेदन किया है कि हमारे बच्चों ने दो से तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद इस कठिन प्रतियोगी परीक्षा में सफलता अर्जित की है। उनके इस प्रयास से शहर एवं प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन हुआ है। उनकी यह सफलता बिना किसी गलत तरीकों के उपयोग और उनके शिक्षकों एवं स्वयं के प्रयास का परिणाम है। ऐसी स्थिति में पुनः पूरी परीक्षा का निर्णय होने की स्थिति में उनके मनोबल और उत्साह पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और उन्हें मानसिक रूप से अत्यधिक कष्ट होगा। नियमपूर्वक सफल परीक्षा परिणाम लाने वाले हमारे होनहार बच्चों को कुछ गलत विद्यार्थियों के द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग करने के कारण मानसिक तनाव में ढकेलना बिलकुल ही सही नहीं होगा। ऐसे निर्णय से परीक्षा प्रणाली और प्रशासन से उनका विश्वास डगमगा जाएगा और शायद भविष्य में वे अपने शिक्षण के प्रति उत्साह और सही दृष्टिकोण ना रख पाएं।

फिर से परीक्षा न करवाए सरकार

भारतीय संविधान की मूल भावना के अनुसार भले ही अपराधी छूट जाए पर एक निरपराध को दंड नहीं मिलना चाहिए। अतः जिन्होंने अपराध किया है केवल उन्हें ही कड़ा दंड मिलना चाहिए एवं हमारे जैसे ईमानदारी से मेहनत व तपस्या करके उत्तीर्ण हुए छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो ऐसी अपेक्षा है। आपसे अनुरोध है कि आपके अधिकारों का प्रयोग कर हम पालकों और हमारे सफल बच्चों की सहायता करें एवं नीट की परीक्षा पुनः न कराई जाए।

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