न्यू इंडिया कोआपरेटिव बैंक के गिरफ्तार अधिकारी ने स्वीकारी बिल्डर को पैसे देने की बात!
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भ्रष्टाचार मामले में सहकारी बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता और रियल एस्टेट डेवलपर धर्मेश पौन को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने उन्हें एक फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। यह मामला बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष की शिकायत पर शुक्रवार को दादर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
महाराष्ट्र में करोड़ों रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार न्यू इंडिया कोआपरेटिव बैंक के अधिकारी ने कांदिवली के चारकोप में एक परियोजना को पूरा करने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर को 70 करोड़ रुपये देने की बात स्वीकार की है।
महाप्रबंधक और रियल एस्टेट डेवलपर हो चुके गिरफ्तार
इस मामले में सहकारी बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता और रियल एस्टेट डेवलपर धर्मेश पौन को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने उन्हें एक फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।यह मामला बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष की शिकायत पर शुक्रवार को दादर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी गई है। अपराध शाखा ने मेहता को बैंक की प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं से 122 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस थाने में जाकर धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई।शिकायत के अनुसार बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख हितेश मेहता ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची और बैंक के प्रभादेवी और गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों में रखे धन से 122 करोड़ रुपये का गबन किया।
पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर मेहता और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316 (5) (लोक सेवकों, बैंकरों और भरोसेमंद पदों पर बैठे अन्य लोगों द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।