राज्यहरियाणा

पंचकूला में अवैध खनन पर कार्रवाई

हरियाणा सरकार ने पंचकूला के रत्तेवाली ब्लॉक में कथित अवैध खनन के लिए मैसर्स तिरुपति रोडवेज पर 134.09 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत की गई कार्रवाई रिपोर्ट में विभाग ने बताया कि हरियाणा के संबंधित विभाग के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़ ने 22 मई के आदेश के तहत फर्म के खनन कार्यों को निलंबित कर दिया था। तिरुपति रोडवेज ने 2017 में ई-नीलामी के दौरान 45 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले रत्तेवाली ब्लॉक के लिए प्रति वर्ष 11.72 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। फर्म को प्रति वर्ष 8.39 लाख मीट्रिक टन बोल्डर, बजरी और रेत निकालने की अनुमति दी गई थी।

2.75 लाख मीट्रिक टन का अवैध खनन पाया
बता दें कि खनन 21 मार्च, 2020 को शुरू हुआ। हरियाणा के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 11 मई 2022 को औचक निरीक्षण किया और पाया कि 5 से 11 मई के बीच कुल 1,868 ट्रक रेत उठान में शामिल थे, जबकि बिल केवल 518 ट्रकों के लिए जारी किए गए थे। पाया गया कि ठेकेदार ने कथित तौर पर अवैध रूप से 47.66 लाख मीट्रिक टन खनिज निकाला था फिर एक समिति गठित की गई और संबंधित क्षेत्र से सटे इलाके में 2.75 लाख मीट्रिक टन का अवैध खनन पाया।

वहीं 15 जून 2023 को एक अन्य निरीक्षण के दौरान 16.44 लाख मीट्रिक टन का नया अवैध उत्खनन पाया गया। कंपनी से बतौर जुर्माना 134.09 करोड़ रुपये मांगे गए, फिर कंपनी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चली गई। राहत न मिलने पर वह विभाग के डीजी के पास गई, जिन्होंने एक माह में जुर्माना देने का अल्टीमेटम दिया। 10 मई को पिछली सुनवाई के दौरान एनजीटी ने खनन विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, क्योंकि ट्रिब्यूनल द्वारा गठित एक संयुक्त समिति ने तिरुपति रोडवेज को जारी किए गए आशय पत्र (एलओआई) को निलंबित करने की सिफारिश की थी।

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