
पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ ने लोगों के घर, खेत और रोजमर्रा की ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया। इस संकट की घड़ी में पंजाब सरकार ने ऑपरेशन राहत के तहत प्रभावित लोगों को नई उम्मीद दी है। मंत्री भी खुद गांव-गांव जाकर पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अपने परिवार की ओर से 5 लाख रुपये देकर लगभग 50 घरों की मरम्मत करवाई। फॉगिंग और दवाइयों की व्यवस्था करवाई, पशुओं के टीके लगवाए और अपने घर को भी 24 घंटे लोगों के लिए खोल दिया। बैंस हर रोज प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़-प्रभावित गांवों की मदद की निगरानी कर रहे हैं। तय किया गया है कि गिरदावरी रिपोर्ट 3 दिनों में, पानी और बिजली 24 घंटों में, और टूटे रास्ते 48 घंटों में बहाल किए जाएंगे। अगले 3 दिन वे खुद रोज़ शाम अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे ताकि राहत कार्यों में कोई देरी न हो।
कांग्रेस ने श्री आनंदपुर साहिब में हाईवे जाम कर दिया था जिसमें एक गंभीर मरीज को पीजीआई चंडीगढ़ लेकर जा रही एंबुलेंस फंस गई थी। यह देखकर बैंस ने तुरंत अपनी पायलट गाड़ी आगे भेजी और खुद रास्ता साफ करवाया, जिससे एंबुलेंस समय पर निकल गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
मंत्री हरभजन सिंह ईटीआो बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में सक्रिय हैं। अजनाला हलके के गांव निसोके में उनकी पत्नी सुहिंदर कौर ने राहत सामग्री और पशुओं का चारा वितरित किया। मंत्री हरभजन सिंह ने खुद दरियाओं पर जाकर बांध बनाने और प्रभावित लोगों की मदद की।
ग्रामीण विकास मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोढ़ ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत सामग्री, राशन और पीने योग्य पानी लोगों तक पहुंचाया। बाढ़ के पहले दिन से ही कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं। घुल्लेवाला गांव में बांध टूटने का खतरा था, लेकिन मंत्री भुल्लर और स्थानीय लोगों ने मिलकर इसे बचाया और तुरंत राहत सामग्री वितरित की।
कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल भी सीधे गांवों में जाकर राहत कार्यों का जायजा लेते रहे और सुनिश्चित किया कि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचे। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने सुनिश्चित किया कि हर जरूरतमंद तक दवाई, पीने का पानी और जरूरी सामान पहुंचे।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा बाढ़ प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंचाने में सक्रिय हैं। उन्होंने दिड़बा कार्यालय में स्वयंसेवकों के साथ मिलकर राहत किट तैयार किए।