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पंजाब के साथ ये दो राज्य भी पाकिस्तान के निशाने पर

पंजाब, जम्मू एंड कश्मीर (जेएंडके) और राजस्थान तस्करों के निशाने पर हैं। वर्ष 2024 के दौरान तीनों राज्यों में ड्रग्स कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने 1382 किलो हेरोइन बरामद की है। हेरोइन बरामदगी में पंजाब देश भर में आगे हैं। प्रदेश में सबसे अधिक 1150 किलो हेरोइन बरामद हुई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार तीनों राज्यों में तस्करी के लिए नशा तस्कर पाकिस्तान का रूट अपना रहे हैं। जेएंडके में वर्ष 2024 के दौरान 114 किलोग्राम और राजस्थान में 118 किलो हेरोइन पकड़ी गई है। इसी तरह पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, असम, अरुणाचल प्रदेश अपनी म्यांमार से निकटता के कारण प्रभावित हैं जबकि मेथामफेटामाइन की तस्करी भारत के पूर्वी तट के रास्ते की जाती है।

तस्करों द्वारा ड्रग्स की खेप भेजने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रमुख बंदरगाहों में ईरान के चाबहार और पाकिस्तान के ग्वादर और कराची शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में ड्रोन से ड्रग्स की तस्करी में बढ़ोतरी हो रही है। पंजाब के चार जिलों अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और गुरदासपुर सबसे अधिक प्रभावित है। वर्ष 2024 में ड्रोन से तस्करी के पंजाब में सबसे अधिक 163 केस सामने आए। इनमें 187 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी गई है जबकि 5.39 किलो मेथामफेटामाइन और 4.22 किलो अफीम जब्त की गई है।

प्रदेश में बाकी नशीले पदार्थों की भी बरामदगी
इसी तरह अन्य नशीले पदार्थों की भी पंजाब में तस्करी बढ़ रही है। वर्ष 2024 के दौरान प्रदेश से 863 किलोग्राम गांजा भी बरामद हुआ है। तस्करी से पंजाब की सीमा सबसे अधिक प्रभावित है जहां राज्य या केंद्रीय एजेंसियों द्वारा ड्रग्स, जाली नोट, हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी की गई। इसमें भारी मात्रा में अफीम, चरस और अन्य ड्रग्स शामिल हैं। इसके अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में एके-47, 56 राइफल, आरडीएक्स, विदेशी निर्मित राइफलें और जाली नोट भी जब्त किए गए हैं।

हेल्पलाइन नंबर पर आई रिकॉर्ड शिकायतें
एनसीबी ने मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध खेती की रिपोर्ट करने और पुनर्वास सहायता प्राप्त करने के लिए मानस हेल्पलाइन नंबर 1933 भी जारी किया है। इस पर पंजाब से रिकाॅर्ड शिकायतें दर्ज की गई हैं। इस नंबर पर एक साल में लोगों ने 517 बार फोन किया। इसमें नशा तस्करी से संबंधित 193 शिकायतें दर्ज करवाई गईं। इसी तरह पुनर्वास सहायता पाने के लिए 89 लोगों ने कॉल की जबकि नशे की अवैध खेती की भी एक शिकायत आई। इसी तरह 234 लोगों की हेल्पलाइन नंबर पर प्रदान की जाने वाली अन्य सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।

बॉर्डर पर एंट्री ड्रोन सिस्टम स्थापित
राज्य सरकार ने हथियारों और नशे की तस्करी से निपटने के लिए बॉर्डर पर एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया है। सरकार ने 51.41 करोड़ रुपये से 9 अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदे हैं। ये सिस्टम न केवल ड्रोन और उसके कंट्रोल स्टेशन की सटीक लोकेशन का पता लगाने में सक्षम हैं बल्कि रीयल-टाइम मैप पर अलर्ट और खतरे की स्वचालित चेतावनी देने की क्षमता भी रखते हैं।

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