
वाई पूरण कुमार सुसाइड केस में पंजाब की सियासत भी पूरी तरह गरमा चुकी है। सूबे के मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर सभी मंत्री व आम आदमी पार्टी के विधायक आईपीएस की आईएएस पत्नी पी. अमनीत कुमार को न्याय दिलाने के समर्थन में उतर गए हैं।
अमनीत कुमार के भाई अमित रतन बठिंडा ग्रामीण सीट से विधायक हैं और वे सिस्टम पर न्याय न मिलने का खुलेआम आरोप लगा रहे हैं। इसी के मद्देनजर पंजाब सरकार और आप के सभी विधायक आरोपी अफसरों की गिरफ्तारी के लिए दबाव बना रहे हैं।
7 अक्तूबर को हरियाणा कैडर के एडीजीपी रैंक के आईपीएस अफसर ने घर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उस वक्त उनकी आईएएस पत्नी हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ जापान दौरे पर थीं। दिवंगत आईपीएस ने अपने सुसाइड नोट में हरियाणा के डीजीपी समेत अन्य आईपीएस व आईएएस अधिकारियों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। सुसाइड नोट में हरियाणा के एक मंत्री का भी नाम है मगर उन पर कोई आरोप नहीं है। जापान से लौटने के बाद अपने पति को न्याय दिलाने के लिए आईएएस पत्नी ने मोर्चा खोल दिया है।
चूंकि दिवंगत आईपीएस अनुसूचित जाति से संबद्ध थे और उन्होंने अपने सुसाइड नोट में इस बात का भी जिक्र किया है कि दलित होने के नाते थे उन्हें उनके आला अफसर टारगेट पर रखते हुए प्रताड़ित करते थे। इस वजह से इस मामले ने अब दलित प्रताड़ित राजनीति का भी रंग ले लिया है। विरोधी दलों के नेता भी अब इसी बात को प्रमुखता से उठा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के दिग्गजों का भी इस मामले में दखल देना इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह मामला उनके विधायक साथी अमित रतन के परिवार से जुड़ा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान, पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया, आप सांसद मालविंदर सिंह कंग, वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा, नील गर्ग, समेत कई विधायक व मंत्री ने पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें ढांढस बांधा और केंद्र व हरियाणा सरकार पर आरोपी अफसरों को तुरंत हटाने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए दबाव बनाया।
उधर, आप विधायक अमित रतन ने कहा कि उनके जीजा जी की मौत को पांच दिन गुजर चुके हैं मगर कोई भी हमारे साथ न्याय नहीं कर रहा है। हमारे साथ सिर्फ धक्का किया जा रहा है। हम लोग न्याय के लिए सिस्टम से जूझ रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। आरोपी अफसरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, मुख्य आरोपी तो अभी तक पद पर आसीन हैं। ऐसे में न्याय की क्या आस की जा सकती है।