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पंजाब में बढ़े सब्जियों के दाम, आम आदमी परेशान

पंजाब में सर्दी शुरू होते ही लोगों का सबसे मनपसंद व्यंजन सरसों का साग होता है जो सर्दियों के पूरे सीजन में लोगों के घरों में खाने के टेबल व उनके खाने की थाली में राज करता है। साग का टैस्ट तब बढ़ जाता है जब उसे तैयार करने में प्याज व लहसून का तड़का लगाया जाता है। सरसों के साग को अभी वक्त लगेगा, लेकिन इससे पहले महंगी सब्जियों ने गृहिणियों का बजट बिगाड़ दिया और टमाटर, गोभी, मूली के दाम बढ़ गए हैं।

इसके अलावा महंगे प्याज-लहसून के दाम भी आम आदमी की पहुंच से पहले प्याज को छीलने में गृहणियों के आंसू निकलते थे अब इनका दाम सुनते ही आंसू निकल रहे हैं तो ऊपर से लहसून के रेट बढ़े भाव से सब्जियों का स्वाद बिगाड़ दिया है। अन्य सब्जियों की तरह लहसून, प्याज व अन्य सब्जियों के भाव आसमान को छू रहे हैं। लहसून व प्याज के बढ़े भाव सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर भी ट्रोल हो रहे हैं। सर्दियों से पहले जो लहसून 100 रुपए प्रतिकिलो व प्याज 15 से 25 रुपये प्रतिकिलो के भाव में मिल जाता था। आज वही लहसून 350 से 400 रुपए व प्याज 60 से 70 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से खरीदना पड़ रहा है। 40-50 रुपए में बिकने वाला टमाटर 125-130, मूली 40-50 रुपए, फूल गोभी 100-125, शिमला मिर्च 160-170 प्रति किलो बिक रही है। महंगाई के कारण सब्जियों ने जहां गृहिणियों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है, वहीं आम जनता की पहुंच से दूर हो गए हैं।

उधर सर्दियों में अमीर-गरीब लोगों के घरों में खाए, जाने वाले सरसों के साग का स्वाद भी बिगड़ सकता है, क्योंकि लहसून और प्याज के तड़के के बगैर सरसों के साग का स्वाद बेस्वाद हो जाता है। अगर सब्जी विक्रेताओं की माने तो उनका कहना है कि इनके बढ़े भावों का मुख्य कारण लहसून-प्याज उत्पादक राज्यों में ज्यादा बारिश होने के कारण फसल खराब होना है। इसके चलते बाजार में बढ़ी मांग के विपरीत इनकी उपलब्धता कम है जिससे इनके भावों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि फिलहाल प्याज-लहसून के भावों में गिरावट के कोई आसार नहीं है। सप्लाई कम व मांग अधिक होने के कारण महंगाई झेलनी पड़ सकती है। 2 महीने बाद प्याज की नई फसल आने पर ही इनके दामों में कमी हो सकती है। उनका कहना है कि नासिक व अन्य जगहों से आने वाले प्याज की डिमांड के अनुसार कम आ रही है। वहीं गृहणियों का कहना है कि सरकार को प्याज व लहसून के भाव कम करने के लिए इन वस्तुओं को दूसरे देशों से मंगवाना चाहिए जिससे लोगों को राहत मिल सके।

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