
भाखड़ा, पौंग व रणजीत सागर बांधों के गेट लगातार खुले रहने के कारण पंजाब में बाढ़ का दायरा बढ़ गया है। 10 जिलों के 900 से अधिक गांव इसकी चपेट में आ गए हैं। इनमें से 300 से अधिक गांवों में गांवों में 5 से 8 फीट तक पानी भरा हुआ है।
वहीं पठानकोट में फिर पानी बढ़ने लगा है। सीमावर्ती क्षेत्र बमियाल के अंतर्गत आते तरनाह और बाघ दरिया में फिर से जलस्तर बढ़ने करण छह से ज्यादा गांव में पानी दाखिल हुआ है।
इस क्षेत्र में एक-दो दिन पहले ही रावी दरिया का जलस्तर कम हुआ था लेकिन जम्मू कश्मीर के कठुआ क्षेत्र में बादल फटने के कारण पानी पंजाब के इलाके में दाखिल होना शुरू हो गया है। इसी कारण भारत पाक सीमा की जीरो लाइन पर बसे गांव सिंबल सकॉल के निकट बहते तरनाह दरिया में पानी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।
पहाड़ों में बारिश के कारण चक्की खड्ड में जलस्तर बढ़ जाने से जिला प्रशासन ने चक्की खड्ड के आसपास घरों को खाली करवाना शुरू कर दिया है।
इसके अलावा जम्मू कश्मीर से निकलते भाग दरिया में भी पानी का स्तर काफी बढ़ गया है। इन दोनों दरिया में पानी का स्तर बढ़ने से पठानकोट बॉर्डर की जीरो लाइन पर स्थित गांव भोपालपुर, पहाड़ीपुर सिंबल सकॉल, टिंडा, सिंबल कुलिया में पानी दाखिल होना शुरू हो गया है। जिस कारण कुछ घरों में पानी पहुंच गया है। इन क्षेत्र के लोगों द्वारा आधी रात से अपने घरों की छतों पर बैठकर समय बताया जा रहा है।
राज्य में अब तक बाढ़ के कारण आठ लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच सेना, बीएसएफ व एनडीआरएफ ने बचाव कार्य और तेज कर दिया है। प्रभावित जिलों में पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, फिरोजपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, अमृतसर, तरनतारन व मानसा शामिल हैं।
छतों पर डटे लोग
बाढ़ से घिरे गांवों के लोगों ने घरों की छत पर सामान समेत डेरा जमा रखा है। सेना हेलिकॉप्टर की मदद से उन्हें निकाल रही है। अमृतसर के अजनाला में 60 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। लोगों को बाहर निकालने से लेकर उन्हें ड्रोन से राशन पहुंचाया जा रहा है। पठानकोट में रावी के पानी से बचने के लिए लोग खुद बांध बनाने में जुटे हैं।
वहीं हिमाचल में लगातार बारिश और शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ स्थित सुखना लेक के फ्लड गेट खोलने से मोहाली में घग्गर नदी उफान पर आ गई है। इससे मोहाली के डेराबस्सी, पटियाला और संगरूर के कई इलाके अलर्ट पर है।