पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे और आखिरी दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सदन की कार्यवाही के दौरान विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा द्वारा इंतकालों का मुद्दा उठाया गया। उन्होंने कहा कि लोगों के इंतकाल लंबे समय से अटके हुए हैं पर पटवारियों का उन पर कोई ध्यान नहीं है जबकि यू.पी. बिहार जैसे राज्यों में अगर कोई फर्द लेनी हो तो वह 10 रुपए में मिल जाती है पर पंजाब में 2 से लेकर 10 हजार रुपए भी फर्द में लग जाते हैं। विधायक ने कहा कि पटवारियों के कान खींचने होंगे ताकि लोगों को इंतकाल के लिए लटकना न पड़े।
इसका जवाब देते हुए राजस्व मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा ने बताया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार जन माल अदालत लगानी शुरू की गई और पेंडिंग इंतकालों का विवरण लोगों में बैठ कर पूछा गया था। उस दिन जालंधर में 900 से ज्यादा इंतकाल हुए थे और फिर शनिवार छुट्टी वाले दिन विशेष दिन रखा गया था जिस दौरान 33 हजार इंतकाल एक दिन में हुए थे।
इसके बाद फिर दोबारा एक हफ्ते के बाद इंतकालों का विशेष समय रखा गया था और उसमें 55 हजार के करीब इंतकाल एक दिन में दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि 85 हजार इंतकाल 2 दिनों में दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि वह विधायक पठानमाजरा की बात से सहमत हैं कि किसी भी व्यक्ति को इंतकाल को लेकर परेशानी नहीं आनी चाहिए। उन्हें भरोसा दिलवाया कि जितनी पंजाब में इंतकालों की पेंडेंसी है उन्हें खत्म कर दिया जाएगा और लोगों के इंतकाल दर्ज होंगे।