
युद्ध नशे के विरुद्ध… इस मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में खूब राजनीति हुई। पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और इस दौरान सदन में खूब हंगामा हुआ। सरकार ने भी नशे के खिलाफ अपनी जंग जारी रखने के प्रति वचनबद्धता जाहिर की मगर क्राॅस बाॅर्डर नार्को ट्रैफिकिंग अभी भी एक बड़ी चुनाैती बनी हुई है।
हालांकि पंजाब पुलिस और बाॅर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) की टीम संयुक्त रूप से बॉर्डर पार से की जा रही इस तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी हुई है लेकिन पाकिस्तान से नशे की तस्करी अभी जारी है।
सीमा पार से इस नशा तस्करी में पाकिस्तान ने डीजीआई मॉविक-3 क्लासिक और डीजीआई एयर-3 ड्रोन का इस्तेमाल किया। नशा तस्करी में लगे 104 ड्रोनों को निशाना बनाया गया। नशा तस्करी में संलिप्त 66 भारतीयों और तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भी पकड़ा गया।
इसी साल पाकिस्तान से इन ड्रोनों के जरिये अमृतसर के काकर, खासा व रोरांवाला खुर्द गांव, गुरदासपुर के ठेठेरके, फिरोजपुर के किलचे, जालोके गांव, तरनतारन के डल, हवेलियन, वान गांव, खेमकरण व राजोके गांव, फाजिल्का के चाक बजीदा गांव के खेतों में नशे पैकेट गिराए गए। अमृतसर के मोडे गांव में भी ड्रोन के जरिये 7.47 किलो के आईसीई के सात पैकेट गिराए गए थे। ये सभी गांव पाकिस्तान बॉर्डर से बिल्कुल साथ सटे हुए हैं। इन सभी पैकेटों को आयरन हुक के साथ पीले रंग की चमकीली टैप से पैक किया गया था जबकि कुछ पैकेटों पर चमकीली पाइप भी लगाई गई थी ताकि खेत में रात के समय नशा तस्कर इन्हें आसानी से ढूंढ सकें।
बीएसएफ से जुड़े सूत्र ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से आने वाले नशीले पदार्थों में अधिकतर हेरोइन है जबकि कुछ मात्रा में अफीम भी पकड़ी गई है। उनके अनुसार पाकिस्तान के इस नार्को ट्रैफिकिंग के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए बीएसएफ कड़ी निगरानी के साथ कार्रवाई कर रही है और इसमें पंजाब पुलिस का भी सहयोग लिया जाता है।
हैंड ग्रेनेड, विस्फोटक और हथियार भी भेजे
इस साल ड्रोनों के जरिये पाकिस्तान से सिर्फ नशा ही नहीं बल्कि हेंड ग्रेनेड, विस्फोटक और हथियार भी भेजे गए। इनमें 14 हैंड ग्रेनेड, 60 हथियार व 10 किलो विस्फोटक शामिल है। यह सामग्री भी बीएसएफ ने सीमा से सटे गांवों से पकड़ी है। सूत्र बताते हैं कि इस सामग्री का इस्तेमाल पंजाब का माहौल खराब करने के लिए किया जाना था।