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परिवार गया टूट, करियर भी हो गया था तबाह, एक हसीना के प्यार में कैसे बर्बाद हुए गुरु दत्त

बॉलीवुड ने सिल्वर स्क्रीन पर दर्शकों कई सारी प्रेम कहानी दिखाई, जिनमें से कई सारी मुकम्मल हुईं और कई अधूरी रह गईं। दर्शकों को भी ज्यादातर वो फिल्मे पसंद आई जिनकी आखिर में हैप्पी एंडिंग हुई। मगर कभी आपने सोचा है इन फिल्मों को बनाने वाले डायरेक्टर्स या कलाकार का निजी जीवन कैसा होगा। उनको अपने जीवन में वो हमसफर मिला होगा जिससे उन्होंने प्यार किया।

आज हम आपको फिल्म इंडस्ट्री के उस कलाकार की कहानी सुनाने वाले हैं जिन्होंने पर्दे पर तो एक से बढ़कर एक फिल्में दिखाई मगर उनका अपना जीवन किसी नर्क से कम न था। मशहूर फिल्म एक्टर और डायरेक्टर गुरुदत्त भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी फिल्में-गाने और उनकी रियल लाइफ की लव स्टोरी आज भी फैंस के बीच चर्चा का विषय रहती हैं। गुरुदत्त भी उन सितारों में गिने जाते हैं, जो शादीशुदा होते हुए किसी और के प्यार में पड़ गए जिसके कारण उनका घर बर्बाद हो गया।

जब गुरुदत्त के जीवन में आई ये हसीना

गुरुदत्त का असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। गरीबी होने के कारण दिवंगत डायरेक्टर गुरुदत्त 10वीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पाए थे। मगर शुरू से ही उन्हें संगीत और कला में काफी दिलचस्पी थी जिसके चलते उन्होंने उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर में स्कॉलरशिप मिलने के बाद एडमिशन ले लिया था। यहां उन्होंने डांस सीखा और कोरिग्राफर बन गए।

उन्होंने अपना करियर बतौर कोरियोग्राफर ही शुरू किया था। साल 1953 में उनकी शादी गीता से हुई थी। मगर ये शादी के धागे जल्दी ही खुलने लगे और ये रिश्ता बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ा। कहा जाता है कि गुरुदत्त 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान के प्यार में पड़ गए थे।

वहीदा के प्यार में सब भूल गए डायरेक्टर

कहा जाता है कि वहीदा रहमान के गुरुदत्त के जीवन में आने के बाद उनके गीता से झगड़े काफी बढ़ गए थे। वहीदा के प्यार में वो ऐसे दीवाने हो गए थे कि वहीदा की तस्वीर उनकी निगाहों से नहीं उतरती थीं। गुरुदत्त वहीदा के प्यार में पत्नी और परिवार को भूलते जा रहे थे।

एनडीटीवी की खबर में एक्टर और डायरेक्टर से जुड़े एक किस्से के बारे में बताया गया है जिसमें लिखा है कि गीता ने गुरुदत्त को रंगे हाथ पकड़ने के लिए वहीदा के नाम से एक खत भेजा और पत्र में लिखी लोकेशन पर जब गुरुदत्त अपने दोस्त अबरार संग पहुंचे तो, थोड़ी देर में गीता अपनी सहेली संग वहां पहुंचीं। कहा जाता है कि इस वाकये से गुरुदत्त बेहद खफा हो गए थे और उन्होंने गीता पर हाथ भी उठा दिया था।

“जिंदगी नरक हो गई है”

इस घटना के बाद दोनों अलग हो गए। ‘गुरुदत्त द अनसेटिसफाइड स्टोरी’ किताब के अनुसार, एक बार गीता दत्त ने वहीदा पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा था ‘जब से वो हमारी जिंदगी में आई है, तब से जिंदगी नरक हो गई है।’ गीता दत्त अपने पति के इस नाजायज प्यार को बर्दास्त नहीं कर पाईं और नाराज होकर अपने तीनों बच्चों के साथ मां के पास चली गईं। कहा जाता है कि आखिरी वक्त गुरुदत्त अपनी जिंदगी में बेहद तन्हा हो गए थे। उन्होंने शराब को अपना साथी चुन लिया था। 

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