अंबाला में 6.0 एमएम, करनाल में 8.0 एमएम, यमुनानगर में 4.0 एमएम और कुरुक्षेत्र में 3.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। पानीपत के इसराना, अंबाला के मुलाना और करनाल के इंद्री में बारिश संग ओलावृष्टि हुई है।
हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ का असर लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी देखने को मिला। हालांकि इस दौरान कहीं धूल भरी आंधी चली तो कहीं ओले गिरे। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक 20 अप्रैल को भी इसके प्रभाव से कहीं-कहीं बूंदाबांदी और बादलवाही रहेगी।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि शुक्रवार को पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब के ऊपर भी कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ था। इस वजह से इसका असर पंजाब से सटे जिलाें में देखने को मिला। यहां से पूर्व की तरफ से भी नमी मिली। यहां अंबाला व यमुनानगर जिले में कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ ओलावृष्टि भी हुई।
इस दौरान अंबाला में 6.0 एमएम, करनाल में 8.0 एमएम, यमुनानगर में 4.0 एमएम और कुरुक्षेत्र में 3.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। वहीं, पश्चिमी जिलों में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं धूल भरी आंधी चली, जबकि दक्षिणी जिलों में बादलवाही ही देखने को मिली। इस दौरान न्यूनतम तापमान 16.0 से 23.0 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 33.0 से 39.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि आने वाले दिनों तीन चार दिनों में एक बार फिर से दिन व रात के तापमान में गिरावट आएगी।
अगले एक-दो दिन गेहूं की खरीद और कटाई बाधित रहने की संभावना
जीटी बेल्ट के अधिकतर जिलों में शुक्रवार की सुबह मौसम का मिजाज बदला नजर आया। कुरुक्षेत्र और करनाल को छोड़कर अन्य जिलों में सुबह से बादल छाए रहे। दोपहर बाद अन्य जिलों के साथ ही कुरुक्षेत्र और करनाल में भी मौसम ने करवट ली। तेज हवा के साथ हल्की बूंदाबांदी से मंडियों में लाखों क्विंटल गेहूं भीग गया।
वहीं करनाल, अंबाला और पानीपत के कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी के साथ ही ओलावृष्टि भी हुई है, जिससे फसलों को काफी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। पानीपत में शुक्रवार दोपहर बाद आसमान में अचानक बादल घिर आए। मतलौडा व इसराना के क्षेत्र में हल्की बारिश हुई। वहीं इसराना क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई। ऐसे में मंडियों में पड़े करीब चार लाख गेहूं के कट्टे भीग गए। वहीं खेतों में गेहूं कटाई का कार्य थम गया है। मंडियों में भी गेहूं खरीद का कार्य भी बंद हो गया है।
कुरुक्षेत्र में भी दोपहर बाद आसमान में बादल छा गए और 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली, जिसके चलते धूल उड़ने से भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौसम के बिगड़े मिजाज और बूंदाबांदी से किसानों की धड़कनें बढ़ी रहीं।
करनाल और अंबाला में भी दोपहर बाद मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी। जिलों में तेज हवा और बूंदाबांदी के साथ कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हुई। करनाल के इंद्री कस्बे में और अंबाला के मुलाना में ओलावृष्टि हुई है, जिससे फसलों को नुकसान की आशंका है। कैथल और यमुनानगर में भी बारिश से मंडियों में लाखों क्विंटल गेहूं भीग गया है। इससे अगले एक-दो दिन गेहूं खरीद और कटान बाधित रहने की संभावना है।
पूंडरी में 10 मिनट तक पड़े ओले, मंडी में नुकसान
कैथल जिले में शुक्रवार को कैथल शहर के कुछ क्षेत्रों में जहां चंद मिनटों के लिए हल्की बारिश हुई। वहीं, पूंडरी में 10 मिनट तक ओले पड़े। इस कारण मंडी में नुकसान का अंदेशा है। पूंडरी में ओले पड़ने से जहां एक तरफ अनाज मंडी में आई गेहूं को नुकसान हुआ। वहीं, खेतों में खड़ी फसल की कटाई में भी अब देरी होगी।