पंजाब

पहले SYL और अब पराली पर छिड़ी सियासी जंग

सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे पर मचा सियासी बवाल अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि विपक्ष ने पराली जलाने के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में धान के विकल्प के तौर पर फसली विविधता को बढ़ावा देने का सुझाव रखा। इस पर कांग्रेस, भाजपा और शिअद ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बंद करवाकर अन्य फसलों के नाम पर किसानों को धोखा दे रही है। इसके लिए विपक्ष ने मूंग की फसल पर एमएसपी का हवाला भी दिया है।

गुरुवार को पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने एक बयान में मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब के एजी ने सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के उपाय के रूप में धान के एमएसपी को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, शिअद के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि भगवंत मान सरकार ने धान पर एमएसपी बंद करने का सुप्रीम कोर्ट में सुझाव रखकर किसानों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात किया है। पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि धान के बजाय बाजरे की फसल को विकल्प बताकर मुख्यमंत्री ने नासमझी का परिचय दिया है।

लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे सीएमः राजा वड़िंग

पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के एजी द्वारा धान पर एमएसपी को रद्द करना पराली जलाने का समाधान हो सकता है। राजा वड़िंग ने कहा कि धान पर एमएसपी को बंद करना पंजाब के किसानों के लिए कैसे फायदेमंद माना जा सकता है? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के किसानों के कल्याण और समग्र कल्याण के विपरीत कार्यों में लगी हुई है। वड़िंग ने टिप्पणी की, ‘जब न्यायमूर्ति कौल ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए धान पर एमएसपी बंद करने की प्रभावशीलता के बारे में पूछा तो पंजाब के एजी ने तर्क दिया कि यह इष्टतम समाधान होगा।’

मुख्यमंत्री पर असहमति जताते हुए वड़िंग ने आगे कहा, ‘आपके एजी ने विशेष रूप से धान की फसल को लक्षित किया है और पराली जलाने के उपाय के रूप में इसके एमएसपी को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। कई फसलों के लिए एमएसपी प्रदान करने की पहले की प्रतिबद्धताओं के बावजूद, आपकी सरकार अब मौजूदा एमएसपी को भी रद्द करने की दिशा में काम कर रही है।’ उन्होंने कहा कि आप सरकार द्वारा किए गए उपाय लगातार राज्य के हितों के विपरीत हैं, जबकि 2020 में हमारे कांग्रेस के हलफनामे में फसलों की व्यापक श्रेणी के लिए एमएसपी की मांग की गई थी। वड़िंग ने सवाल किया – ‘सीएम ने खुद बड़े दावे किए और मूंग के लिए एमएसपी का वादा किया, जो केवल 11 फीसदी फसल को दिया गया है। आप खुद एमएसपी नहीं दे रहे हैं और आगे केंद्र सरकार से धान पर एमएसपी बंद करने के लिए कह रहे हैं। आप हमारे राज्य के किसानों के खिलाफ क्यों काम कर रहे हैं। ’

लोगों को गुमराह करने को गलत बयानी कर रहे वड़िंगः सीएम

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदेश कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को झूठा करार देते हुए गलत, घटिया और मनघड़ंत बयान द्वारा लोगों को गुमराह करने के लिए कड़ी निंदा की। गुरुवार को एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि वड़िंग मीडिया के सामने वाहवाही बटोरने के लिए तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। 

हलफनामे का हवाला देते हुए भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इसमें बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा 40 सालों से दिए जा रहे प्रोत्साहन राज्य में धान की कृषि को अपनाने का कारण बना है, जिसके फलस्वरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के जरिये किसानों को लाभ दिया जा रहा है। धान के बजाय अन्य फसलों की खेती करके फसलीय चक्र को तोड़ने और कृषि विविधता के लिए किसानों को एमएसपी सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ और अधिक प्रोत्साहन मुहैया करवाया जाएगा, ताकि किसानों को अन्य फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विनती की थी कि किसानों को फसलीय चक्र में से निकालने के लिए एक टिकाऊ रणनीति की जरूरत होगी। इन प्रयासों को लागू करने से फसलों के अवशेष के प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजा वड़िंग द्वारा अपने हितों के मुताबिक हल्फनामे का हवाला दिया जा रहा है, जो कांग्रेसी विधायक के गैर-संजीदा रवैए को दिखाता है।

किसानों की पीठ में बार-बार छुरा घोंप रहे सीएमः मजीठिया

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भगवंत मान सरकार द्वारा धान पर एमएसपी बंद करने बारे सुप्रीम कोर्ट में रखे पक्ष को किसानों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि उनकी सरकार बार-बार किसानों की पीठ में छुरा क्यों घोंप रही है? मजीठिया ने कहा कि पराली जलाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के रुख ने सभी पंजाबियों को हैरान कर दिया है। उन्होंने कहा कि मूंग पर एमएसपी की घोषणा करके मुख्यमंत्री ने किसानों को धोखा दिया और जब किसानों ने उनकी बातों पर विश्वास दिखाकर खेतों में मूंग बोई तो 85 फीसदी से अधिक उपज एमएसपी पर नहीं खरीदी गई और किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए निजी व्यापारियों की दया पर छोड़ दिया गया है। मजीठिया ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब भगवंत मान ने किसानों को धोखा दिया है। उन्होंने पिछले डेढ़ साल के दौरान लगातार फसल नुकसान का मुआवजा देने के मामले में भी उन्हें धोखा दिया और इस साल मानसून के दौरान भारी बाढ़ के कारण हुए नुकसान का मुआवजा देने पर भी उन्हें धोखा दिया है। 

किसानों पर नकेल के बजाय अपनी नाकामी जांचें सीएमः बाजवा

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भगवंत मान सरकार से पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर किसानों पर कार्रवाई करने से पहले अपनी विफलताओं की जांच करने का आग्रह किया है। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को पंजाब के लोगों को बताना चाहिए कि वह अपने वादे के बावजूद धान अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को प्रति एकड़ 2,500 रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि देने में क्यों विफल रहे? उन्होंने कहा कि भगवंत मान को यह भी बताना चाहिए कि वह लगातार दो सत्रों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग की फसल खरीदने के अपने वादे से पीछे क्यों हटे? बाजवा ने कहा कि आप सरकार फसल प्रबंधन से संबंधित मशीनरी मुहैया कराने में भी विफल रही है। पंजाब के ज्यादातर किसान छोटे और सीमांत हैं। वे महंगी मशीनरी नहीं खरीद सकते। हालांकि, अधिक भूमि वाले किसानों ने ऐसी मशीनें खरीदी हैं। मान सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से ऐसे किसानों के लिए मशीनरी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में बुरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने के लिए केवल किसान ही जिम्मेदार नहीं हैं।

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