अब 3.48 करोड़ रुपये जुर्माना भरना होगा। पांच माह पहले 1.79 करोड़ का जुर्माना लगाया था। विकसित की रिहायशी कॉलोनी लेकिन निकासी की सुविधा नहीं दी।
पानीपत में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अंसल सुशांत सिटी पर 1.69 करोड़ रुपये का ओर जुर्माना बढा दिया है। अब अंसल को कुल 3.48 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा। करीब पांच माह पहले एनजीटी, अंसल पर करीब 1.79 करोड़ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा चुकी है। ये जुर्माना 2022 तक नियमों का उल्लंघन करने का था। इसके बाद 2022 से लेकर 2024 तक नियमों का उल्लंघन करने पर 1.69 करोड़ रुपये जुर्माना बढ़ा दिया है। यानी अब अंसल कंपनी को एक माह में बतौर जुर्माना करीब 3.48 करोड़ भरने होंगे।
इस मामले में एनजीटी में दरखास्त लगाने वाले वरुण गुलाटी का आरोप है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कुछ अधिकारी अंसल कंपनी के बचाव पक्ष में हैं। इसी वजह से अंसल पर जुर्माना कम लगा है। अंसल एक बड़ी रिहायशी सोसायटी है। इसमें तीन हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। यहां मार्केट, अस्पताल, स्कूल तक हैं। निकासी के मापदंड में फेल होने पर अंसल पर 1.79 करोड़ जुर्माना लगाया गया।
संयुक्त कमेटी की जांच में मिली थीं खामियां
कमेटी ने 12 और 19 अप्रैल 2024 को अंसल सुशांत सिटी का मौका मुआयना किया। यहां फेज-1 का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बंद मिला, जबकि दूसरे का चालू हालात में मिला। दोनों फेस में सीवरेज फ्लो मीटर नहीं था, न ही यहां पर लॉगबुक संभाली गई थी। अंसल सोसाइटी से निकलने वाले 10600 केएलडी सॉलिड वेस्ट के संशोधन पर सवाल उठे। कमेटी ने जांच की तो सामने आया कि यहां के सीवरेज का कनेक्शन गैर कानूनी तरीके से एचएसवीपी की मुख्य सीवर लाइन में एक अप्रैल 2019 को जोड़ा गया था। इसके अलावा कंसेंट टू ऑपरेट का प्रमाणपत्र भी रिन्यू नहीं मिला। जिसकी वजह से अंसल पर 1.79 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।