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पानी पर रार: सीएम नायब सैनी को पत्र में सीएम मान ने क्या लिखा?

पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा के बीच पानी को लेकर एक बार फिर से जंग छिड़ गई है। पानी के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी को पत्र भी लिखा है। पत्र में सीएम मान ने कई बातों का उल्लेख किया है।

पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के मुद्दे को लेकर टकराव जारी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को हरियाणा सीएम नायब सैनी को पत्र लिखकर कहा कि मैंने हरियाणा को पानी देने का कभी भरोसा नहीं दिया। ऐसे में हरियाणा का दावा झूठ का पुलिंदा है और सैनी संवैधानिक पद पर बैठकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

मान ने सैनी से कहा कि मुझे केवल मीडिया के माध्यम से आपका पत्र प्राप्त हुआ। आपने फोन जरुर किया था, लेकिन मैंने सैनी को कभी भी पानी देने का आश्वासन नहीं दिया। मैं ऐसा वादा तभी कर सकता हूं, यदि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए एक भी बूंद पानी होता। मान ने कहा कि सैनी को इस तरह की गलत बयानबाजी शोभा नहीं देती है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) हर साल पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच पानी का बंटवारा करता है, जो 21 मई से अगले साल के 20 मई तक लागू रहता है।

हरियाणा अपने हिस्से का पानी 31 मार्च तक इस्तेमाल कर चुका है। हरियाणा सरकार ने पंजाब से अपील की थी कि उनके पास लोगों के लिए पीने का पानी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर पंजाब सरकार ने उदारता दिखाते हुए 6 मार्च, 2025 से हरियाणा को प्रतिदिन 4000 क्यूसिक पानी देना शुरू कर दिया। मान ने कहा कि भले ही हरियाणा की आबादी तीन करोड़ है, जिसके अनुसार इस राज्य के लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 1700 क्यूसिक पर्याप्त है।

मान ने कहा कि कुछ दिन पहले हरियाणा ने अतिरिक्त 8500 क्यूसेक पानी प्रतिदिन की मांग की। इससे सिद्ध होता है कि हरियाणा को यह पानी सिंचाई के उद्देश्य के लिए चाहिए। यह समस्या इसलिए उत्पन्न हुई, क्योंकि हरियाणा ने अपने पानी का उपयोग सही ढंग से नहीं किया। हरियाणा सरकार ने पंजाब से अपनी वास्तविक जरूरत से ढाई गुना अधिक पानी मांगा है।

हरियाणा सरकार केंद्र के जरिए पंजाब से करना चाहती ज्यादती
मान ने लिखा कि राज्य सरकार पंजाब को उसके कानूनी अधिकारों से वंचित करने की कतई अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा हरियाणा अब केंद्र सरकार के जरिए राज्य के साथ ज्यादती करना चाहती है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीबीएमबी द्वारा पंजाब के पानी पर डाका डालने के लिए आए दिन नए प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए डटकर पहरा देगी और किसी को भी हमारे पानी को छीनने की अनुमति नहीं देगी।

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