मध्यप्रदेशराज्य

पापमोचनी एकादशी पर महाकाल का विशेष शृंगार, भक्तों ने किए बाबा के दर्शन

पापमोचनी एकादशी पर बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया। भक्तों ने इस अलौकिक दर्शन का आनंद लेते हुए “जय श्री महाकाल” के जयघोष किए।

वैसे तो विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन ही भस्म आरती में बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया जाता है, लेकिन आज मंगलवार को पापमोचनी एकादशी पर कालो के काल बाबा महाकाल विशेष रूप से शृंगारित हुए। बाबा महाकाल के प्रांगण में आज मंगलवार को कालो के काल बाबा महाकाल भस्म आरती के दौरान भस्म रमाकर और वैष्णव तिलक लगाकर शृंगारित हुए। श्री महाकालेश्वर मंदिर मे आज चैत्र कृष्ण पक्ष की पापमोचनी एकादशी तिथि मंगलवार सुबह 4 बजे हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल का शृंगार करने के बाद फिर उन्होंने भस्म रमाई।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। उसके बाद सबसे पहले भगवान को ठंडे जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया और प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया।

पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर इस शृंगार के दर्शन किए और जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे। उसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।

रजत छत्र भेट किया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ से पधारे भक्त राहुलचन्द्र चेटी द्वारा पुरोहित पं. तिलक व्यास की प्रेरणा से भगवान श्री महाकालेश्वर को एक नग रजत छत्र भेंट किया गया। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा वीरेन्द्र शर्मा द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया और विधिवत रसीद प्रदान की गई।

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