उत्तरप्रदेशराज्य

पार्षद बनना है तो 15 जुलाई तक करे आवेदन, इस बार निकाय चुनावों में खोई जमीन हासिल करने की तैयारी में जुटी कांग्रेस

चुनाव दर चुनाव लगातार हार से हताश और निराश कांग्रेस पार्टी निकाय चुनावों के जरिए नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरकर खोती जा रही अपनी राजनीतिक जमीन फिर हासिल करने की कोशिशों में जुट गई है। गलतियों से सबक लेते हुए संगठन ने पहले से ही प्रत्याशियों को चुनने की कवायद शुरू कर दी है।

नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव भले ही साल के आखिर में प्रस्तावित है लेकिन अगर कांग्रेस के चिन्ह पर चुनाव लड़ना है तो 15 जुलाई तक ही आवेदन करने का मौका है। आवेदन करने वालों को ही निकाय चुनाव में खड़े होने का मौका दिया जाएगा। विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित होने वाली कांग्रेस अब अपने वजूद के लिए लड़ रही है।

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी की जो गत हुई उससे कोर वोटर भी छिटकता जा रहा है। कई छोटे-बड़े नेता भी दूसरी पार्टियों में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। ऐसे में पार्टी रणनीतिकारों को लगता है कि लंबे समय से सत्ता से दूर और लगातार हार से निराश कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फिर से खड़ा करने के लिए यही मौका है। वैसे भी कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है।

गत कई चुनाव में कांग्रेस पार्टी मुख्य लड़ाई से बाहर है। ऐसे में संगठन ऐसे लोगों को तरजीह देने की बात कर रहा है जो लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े रहने के बावजूद किसी ने किसी वजह से उपेक्षित हैं। कई वरिष्ठ नेता नाराज होकर दूसरी पार्टियों में चले गए या फिर घर बैठे हैं। निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस की कोशिश पुराने कार्यकर्ताओं को मनाने की होगी।

महानगर शहर अध्यक्ष दक्षिणी दिलप्रीत सिंह का कहना है कि निकाय चुनावों के लिए पार्टी ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है। जो कार्यकर्ता निकाय चुनाव में खड़े होना चाहते हैं वह आवेदन कर सकते हैं। पार्टी पुराने कार्यकर्ताओं को भी मौका और सम्मान देगी। पूर्व महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान का कहना है कि निकाय चुनाव के लिए अभी से तैयारी चल रही है। आवेदन के बाद संभावित प्रत्याशियों के द्वारा वार्ड स्तर पर बैठकों का आयोजन होगा जिसके आधार पर उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे।

अब कांग्रेस के केवल पांच पार्षद : 110 वार्ड में मौजूदा समय में कांग्रेस के पास केवल पांच पार्षद ही हैं। गत चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर आठ पार्षद जीते थे। इनमें से एक समाजवादी पार्टीे में चले गए जबकि दो पार्षदों का निधन हो गया। कांग्रेस की नजर अगले चुनाव में कम से दहाई अंक पर जरूर होगी।

Related Articles

Back to top button