अध्यात्म
पितृपक्ष की चतुर्थी तिथि पर ऐसे करें पूजा

आज 11 सितंबर को आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि मनाई जा रही है। यह पितरों को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर लोग अपने पितरों के नाम से पिंडदान और तर्पण करते हैं। ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। वहीं, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का बड़ा महत्व है। ऐसे में स्नान के बाद श्री हरि के सामने घी का दीपक जलाएं। उन्हें पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद विष्णु भगवान के 108 नामों का जप करें।
अंत में आरती से पूजा को समाप्त करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
।।भगवान विष्णु के 108 नाम।।
- ऊँ श्री प्रकटाय नमः
- ऊँ श्री वयासाय नमः
- ऊँ श्री हंसाय नमः
- ऊँ श्री वामनाय नमः
- ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नमः
- ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नमः
- ऊँ श्री प्रभवे नमः
- ऊँ श्री गरुडध्वजाय नमः
- ऊँ श्री परमधार्मिकाय नमः
- ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नमः
- ऊँ श्री विराटपुरुषाय नमः
- ऊँ श्री अक्रूराय नमः
- ऊँ श्री सुलोचनाय नमः
- ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नमः
- ऊँ श्री विशुद्धात्मने नमः
- ऊँ श्री श्रीपतये नमः
- ऊँ श्री आनन्दाय नमः
- ऊँ श्री कमलापतये नमः
- ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नमः
- ऊँ श्री महाबलाय नमः
- ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नमः
- ऊँ श्री सुरेशाय नमः
- ऊँ श्री ईश्वराय नमः
- ऊँ श्री विराट पुरुषाय नमः
- ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नमः
- ऊँ श्री चक्रगदाधराय नमः
- ऊँ श्री योगिनेय नमः
- ऊँ श्री दयानिधि नमः
- ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नमः
- ऊँ श्री जरा-मरण-वर्जिताय नमः
- ऊँ श्री कमलनयनाय नमः
- ऊँ श्री शंख भृते नमः
- ऊँ श्री दु:स्वपननाशनाय नमः
- ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नमः
- ऊँ श्री हयग्रीवाय नमः
- ऊँ श्री कपिलेश्वराय नमः
- ऊँ श्री महीधराय नमः
- ऊँ श्री द्वारकानाथाय नमः
- ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नमः
- ऊँ श्री सप्तवाहनाय नमः
- ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नमः
- ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नमः
- ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नमः
- ऊँ श्री लोकनाथाय नमः
- ऊँ श्री वंशवर्धनाय नमः
- ऊँ श्री एकपदे नमः
- ऊँ श्री धनुर्धराय नमः
- ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नमः
- ऊँ श्री केश्वाय नमः
- ऊँ श्री धनंजाय नमः
- ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नमः
- ऊँ श्री शान्तिदाय नमः
- ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नमः
- ऊँ श्री वाराहय नमः
- ऊँ श्री नरसिंहाय नमः
- ऊँ श्री रामाय नमः
- ऊँ श्री शोकनाशनाय नमः
- ऊँ श्री श्रीहरये नमः
- ऊँ श्री गोपतये नमः
- ऊँ श्री विश्वकर्मणे नमः
- ऊँ श्री हृषीकेशाय नमः
- ऊँ श्री पद्मनाभाय नमः
- ऊँ श्री कृष्णाय नमः
- ऊँ श्री विश्वातमने नमः
- ऊँ श्री गोविन्दाय नमः
- ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नमः
- ऊँ श्री दामोदराय नमः
- ऊँ श्री अच्युताय नमः
- ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नमः
- ऊँ श्री वासुदेवाय नमः
- ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नमः
- ऊँ श्री नर-नारायणा नमः
- ऊँ श्री जनार्दनाय नमः
- ऊँ श्री चतुर्भुजाय नमः
- ऊँ श्री विष्णवे नमः
- ऊँ श्री केशवाय नमः
- ऊँ श्री मुकुन्दाय नमः
- ऊँ श्री सत्यधर्माय नमः
- ऊँ श्री परमात्मने नमः
- ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नमः
- ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नमः
- ऊँ श्री उपेन्द्राय नमः
- ऊँ श्री माधवाय नमः
- ऊँ श्री अनन्तजिते नमः
- ऊँ श्री महेन्द्राय नमः
- ऊँ श्री नारायणाय नमः
- ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नमः
- ऊँ श्री प्रजापतये नमः
- ऊँ श्री भूभवे नमः
- ऊँ श्री प्राणदाय नमः
- ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नमः
- ऊँ श्री सुरेशाय नमः
- ऊँ श्री जगतगुरूवे नमः
- ऊँ श्री सनातन नमः
- ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नमः
- ऊँ श्री दानवेन्द्र विनाशकाय नमः
- ऊँ श्री एकातम्ने नमः
- ऊँ श्री शत्रुजिते नमः
- ऊँ श्री घनश्यामाय नमः
- ऊँ श्री वामनाय नमः
- ऊँ श्री गरुडध्वजाय नमः
- ऊँ श्री धनेश्वराय नमः
- 103.ऊँ श्री भगवते नमः
- ऊँ श्री उपेन्द्राय नमः
- ऊँ श्री परमेश्वराय नमः
- ऊँ श्री सर्वेश्वराय नमः
- ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नमः
- ऊँ श्री प्रजापतये नमः।