पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने अपनी मांगे पूरी न होते देख संघर्ष का बिगुल बजाने का ऐलान किया है, जिससे सरकारी अस्पतालों का कामकाज प्रभावित होने का अंदेशा पैदा हो गया है। संगठन के प्रधान डा. अखिल सरीन ने बताया कि चिरकाल से चली आ रही उनकी मांगों को पूरा करने की बजाय समय टालने की नीति अपनाई जा रही है। इसलिए 2 सितंबर से उन्होंने सभी विभागीय काम बंद करने का फैसला किया है, जिसमें ना तो बेंचमार्क रिपोर्टिंग की जाएगी ना किसी अन्य तरह की रिपोर्टिंग के लिए पीसीएमसी के सदस्य कोई किसी तरह का भाग लेंगे। इस दौरान ना तो कोई मीटिंग अटेंड की जाएगी और ना ट्रेनिंग और ना ही इंक्वारी आदि में भाग लिया जाएगा तथा 9 सितंबर से पूरे राज्य के सरकारी अस्पतालों में सभी समय बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह रोष उनकी मांगों पूरा होने तक जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि संगठन की प्रमुख मांगों में अस्पतालों में पुख्ता सुरक्षा के प्रबंधों का ना होना, अस्पतालों में 24 घंटे की सुरक्षा यकीनी बनाने जिसे अगस्त में पूरा करने का स्वास्थ्य मंत्री द्वारा वादा किया गया था परंतु अभी तक हालात ज्यों के त्यो हैं, समय बद्ध तरक्की ना होना, बकाया एरियर जारी करना व रेगुलर डॉक्टरो की नई भर्ती करना आदि है।
संगठन के पंजाब के प्रधान ने कहा कि हाल ही में सरकार द्वारा 400 एमबीबीएस डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है जिसकी परीक्षा 8 सितंबर को होनी है परंतु यह अपर्याप्त है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह डॉक्टर के नए बैच की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करें क्योंकि राज्य में 200 से अधिक डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए तैयार बैठे हैं। उनसे रिक्त हुए स्थानों की पूर्ति के लिए नए बैच की भर्ती करनी आवश्यक है।