पूर्व सीओए विनोद राय ने अपनी किताब से किया ये बड़ा खुलासा,जानिए क्यों सेमीफाइनल मैच का हिस्सा नहीं थीं मिताली
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कप्तान मिताली राज और कोच रमेश पवार के बीच 2018 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान हुए विवाद को लेकर पूर्व सीओए विनोद राय ने अपनी किताब में एक खुलासा किया है। उन्होंने “नाट जस्ट ए नाइटवाटमैन: माई इनिंग इन द बीसीसीआइ” नाम की इस किताब में इस विवाद को लेकर कुछ बातें सामने रखी है। किताब में जिक्र है कि उस दौरान मिताली राज और हरमनप्रीत को लेकर बीसीसीआइ सीईओ राहुल जौहरी और सबा करीम के बीच अलग-अलग मीटिंग हुई थी। इस दौरान कोच रमेश पवार भी इन अधिकारियों से मिले थे।
मिताली और कोच पवार दोनों को लिखित में एक रिपोर्ट सीओए को सौंपने की बात इस दौरान कही गई। मिताली ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया था कि कोच ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि सेमीफाइनल मैच में न खेलने से ज्यादा दुख उन्हें कोच के व्यव्हार को लेकर हुआ था।
हालांकि उन्होंने साफ किया कि हरमनप्रीत को लेकर उनके मन में कभी कुछ नहीं रहा। दूसरी तरफ पवार ने अपने लंबे-चौड़े रिपोर्ट में मिताली के खराब स्ट्राइक रेट पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि उन्हें संभालना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। इसी कारण उन्हें सेमीफाइनल मैच से बाहर निकाल दिया था।
विनोद राय ने लिखा है कि 30 नवंबर को मैंने सबा करीम से कहा कि लड़कियां विवाद खत्म करना चाहती हैं। दिल्ली में हुए एक मीटिंग के बाद दोनों के बीच विवाद खत्म भी हो गया था। हरमन का मानना था कि सेमीफाइनल में मिताली को बाहर रखने का फैसला सामूहिक था और इस निर्णय में कोच और सैलेक्टर शामिल थे। हालांकि इस बात की जानकारी मिताली को कब दी गई इसके बारे में हरमनप्रीत को कुछ पता नहीं था। हालांकि इस विवाद पर मिताली को इस बात से ज्यादा दुख हुआ था कि उन्हें टास से पहले पता चला की वे टीम का हिस्सा नहीं हैं।