प्रदेश में नई नियुक्तियों से नाराज विधायकों को मनाने में पार्टी को शुरुआती कामयाबी मिलने के बावजूद दिलों में खिंचाव बाकी है। कुछ विधायकों की शुक्रवार को अनौपचारिक बैठक हुई। इसमें पार्टी के निर्णय के प्रति नाखुशी तो दिखी ही, साथ में असंतोष प्रबंधन की कवायद भी हुई।
सबसे ज्यादा मुखर पिथौरागढ़ के धारचूला से विधायक हरीश धामी बैठक में शामिल नहीं हुए। पार्टी में निष्ठा और वरिष्ठता की उपेक्षा का मुद्दा पार्टी फोरम को गरमाने जा रहा है। विधायक और पूर्व विधायक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
कांग्रेस में असंतोष प्रबंधन के बाद यह तकरीबन तय हो गया है कि पार्टी में अब किसी तरह की टूटन नहीं होने जा रही है। 10 अप्रैल को नई नियुक्तियों के रूप में पार्टी नेतृत्व के निर्णय से विधायकों के साथ ही पार्टी नेताओं के एक तबके में नाराजगी बढ़ गई थी।
पिछले कई दिनों से नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के मान-मनुहार के प्रयासों का असर दिखाई पड़ा है। विशेष रूप से विधायकों के तेवर में ज्यादा तल्खी नहीं देखी जा रही है।
विधायक मदन बिष्ट ने दिया भोज
विधायकों की बीते दो दिन कोई बैठक नहीं हुई। शुक्रवार को अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट से विधायक मदन सिंह बिष्ट के देहरादून स्थित आवास पर विधायकों की बैठक हुई। बताया गया कि बिष्ट ने दोपहर के भोज का न्योता विधायकों को दिया था।
बिष्ट नई नियुक्तियों के बाद पार्टी हाईकमान पर तीखी टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहे हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता विधायक प्रीतम सिंह, प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण व राजकुमार बैठक में शामिल हुए। नवनियुक्त उपनेता प्रतिपक्ष व खटीमा भुवन कापड़ी भी उपस्थित रहे।
असंतोष से किया इन्कार
सूत्रों के अनुसार बैठक में नई नियुक्तियों में निष्ठा और वरिष्ठता की अनदेखी और गढ़वाल मंडल को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर चर्चा हुई। इस विषय को राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष रखने पर सहमति बनी। हालांकि प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने विधायकों में असंतोष होने से इन्कार किया।
उन्होंने कहा कि विधायकों को भोज का निमंत्रण दिया गया था। बैठक में बुलाने के बावजूद नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि भोज पर उन्हें भी बुलाया गया था, लेकिन व्यस्तता के चलते वह जा नहीं सके।
प्रीतम से मिले कापड़ी और हृदयेश
उधर, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से उनके आवास पर उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, विधायक सुमित हृदयेश ने मुलाकात की। पूर्व मंत्री हरक सिंह ने भी प्रीतम सिंह से भेंट की।
प्रदेश हित के लिए कांग्रेस का मजबूत होना आवश्यक: हरक
कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व उप नेता प्रतिपक्ष के चयन के बाद मचे घमासान के बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस के साथ ही प्रदेश के लिए यह संवेदनशील समय है। प्रदेश के हित में कांग्रेस का मजबूत होना आवश्यक है। इसलिए वर्तमान में सभी को एकजुट होना चाहिए।
किसी भी एजेंसी से जांच करा लो
उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यों की एसआइटी जांच कराने संबंधी शासन के निर्णय के संबंध में पूछे जाने पर पूर्व श्रम मंत्री रावत ने कहा कि उनके कार्यकाल में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई। सरकार किसी भी एजेंसी से इसकी जांच करा सकती है।
राजनीति में सब कुछ सहजता व सरलता से नहीं मिलता: हरीश
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत इंटरनेट मीडिया पर अपने विचारों को साझा करते रहते हैं। अपने लिए नई राह ढूंढते हुए उन्होंने बीते दिनों दिल्ली का रुख करने की इच्छा जताई थी। अब संस्मरण के रूप में ‘चंदा परिक्रमा यात्रा’ में उन्होंने शिक्षण संस्थान के लिए चंदा एकत्र करने के संघर्ष के बारे में बताया। \
लखनऊ विश्वविद्यालय से लौटकर चौनलिया विद्यालय में विज्ञान की मान्यता के लिए प्रयोगशाला भवन के निर्माण के लिए प्रयासों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि अगले चरण में वह दिलचस्प पदयात्रा का विवरण साझा करेंगे।
बिंदाल-रिस्पना पर एलिवेटेड रोड के बजाय बनाएं मेट्रो
इंटरनेट मीडिया पर अन्य पोस्ट में उन्होंने देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों पर सरकार की ओर से प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे नदियां समाप्त हो जाएंगी। मसूरी के नीचे देहरादून में खाले अवैध निर्माण से समाप्त हो गए हैं।
जल निकासी की ये दोनों नदियां बंद हुईं तो देहरादून में आकस्मिक बारिश या मसूरी के निचले हिस्से में बादल फटने की घटना हुई तो बड़ी त्रासदी का शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के स्थान पर मेट्रो पर विचार करें और रिवरफ्रंट डेवलपमेंट को दृढ़ता से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।