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बच्चों में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है ल्युकीमिया

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। इस बारे में जागरूक बनाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day 2025) मनाया जाता है। इसी मौके पर हमने डॉ. से बच्चों में होने वाले सबसे कॉमन कैंसर ल्युकीमिया के बारे में जानने की कोशिश की। आइए जानें इस बारे में डॉक्टर क्या बताते हैं।

ल्युकीमिया, एक प्रकार का ब्लड कैंसर, बच्चों में सबसे आम कैंसर (Common Cancer in Children) है। यह बच्चों में होने वाले सभी कैंसर के मामलों में लगभग 30% का कारण बनता है। यह बीमारी बोन मैरो (हड्डी के अंदर का वह हिस्सा जहां खून का निर्माण होता है) में शुरू होती है।

इसमें असामान्य व्हाइट ब्लड सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और हेल्दी सेल्स को नष्ट कर देती हैं। इससे शरीर की इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है। आइए इस ल्युकीमिया से जुड़ी कुछ जरूरी बातों (Leukemia Symptoms) के बारे में डॉ. रमन नारंग (एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल, सोनीपत, सीनियर कंसलटेंट – मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट)
बच्चों में ल्युकीमिया इतना आम क्यों है?

ल्युकीमिया का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन जेनेटिक फैक्टरस्, पर्यावरण से जुड़े फैक्टर और डीएनए में होने वाले म्यूटेशन इसके लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। बच्चों में ब्लड सेल्स का तेजी से बढ़ना और उनका ज्यादा बदलना इस बीमारी के खतरे को बढ़ा देता है। यही कारण है कि बच्चों में ल्युकीमिया का खतरा ज्यादा होता है।

ल्युकीमिया के प्रकार और लक्षण कैसे होते हैं?
बच्चों में ल्युकीमिया मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है-

एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्युकीमिया (ALL)- यह सबसे आम प्रकार है और इसमें इलाज की सफलता दर काफी ज्यादा है।

एक्यूट मायलॉयड ल्युकीमिया (AML)- यह कम आम है, लेकिन यह ज्यादा आक्रामक होता है और इसका इलाज थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

ल्युकीमिया के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
लंबे समय तक बुखार रहना
थकान और कमजोरी महसूस होना
आसानी से चोट लगना या खून बहना
बार-बार इन्फेक्शन होना
हड्डियों में दर्द
त्वचा का पीला पड़ना

यदि बच्चे में ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

ल्युकीमिया का इलाज
पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल साइंस में हुई प्रगति ने ल्युकीमिया के इलाज को काफी असरदार बना दिया है। आज, ल्युकीमिया का इलाज संभव है और इसकी सफलता दर लगातार बढ़ रही है। ल्युकीमिया के इलाज के तरीकों में शामिल हैं-

कीमोथेरेपी- यह ल्युकीमिया के इलाज का मुख्य तरीका है। इसमें दवाओं के जरिए से कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है। कीमोथेरेपी को अक्सर कई स्टेजेस में दिया जाता है।

टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी- यह इलाज का एक नया और ज्यादा व्यक्तिगत तरीका है। इसमें मरीज के जीन और कैंसर सेल्स के आधार पर इलाज किया जाता है। यह तरीका ज्यादा प्रभावी और कम साइड इफेक्ट वाला होता है।

बोन मैरो ट्रांसप्लांट- यह उन मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें ल्युकीमिया का खतरा ज्यादा हो या जिनका कैंसर दोबारा हो गया हो। इसमें मरीज के बोन मैरो को हेल्दी डोनर के बोन मैरो से बदल दिया जाता है।

रेडिएशन थेरेपी- यह उन मामलों में इस्तेमाल की जाती है, जहां ल्युकीमिया दिमाग या अन्य अंगों को प्रभावित करता है।

ल्युकीमिया के इलाज में सफलता
आज, ल्युकीमिया का इलाज संभव है और इसकी सफलता दर लगातार बढ़ रही है। एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्युकीमिया (ALL) के मामलों में इलाज की सफलता दर 85-90% से ज्यादा है। यह आंकड़ा बच्चों और उनके परिवारों के लिए आशा की किरण लेकर आता है। हालांकि, ल्युकीमिया का इलाज लंबा और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही समय पर डायग्नोसिस और सही इलाज के साथ इस बीमारी को हराया जा सकता है।

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