बदलने वाली है सुपर कंप्यूटर्स की दुनिया, गूगल ने लॉन्च सबसे तेज चिप
Google Quantum Chip Willow गूगल ने क्वांटम कंप्यूटर चिप Willow लॉन्च की है। इस चिप को लेकर कंपनी ने दावा है कि यह जटिल से जटिल कैलकुलेशन को मिनटों में सॉल्व कर सकता है। गूगल की क्वांटम एआई यूनिट के प्रमुख हार्टमुट नेवेन ने कहा कि गूगल की यह उपलब्धि क्वांटम कंप्यूटिंग में एक महत्वपूर्ण क्षण है। एलन मस्क ने भी इसमें अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग चिप Willow लॉन्च की है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर किया है। गूगल की इस चिप को लेकर एलन मस्क ने भी दिलचस्पी दिखाते हुए उनकी पोस्ट पर वॉव रिएक्शन दिया है। यहां हम आपको गूगल की लेटेस्ट क्वांटम कंप्यूटिंग चिप के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसे लेकर कंपनी का दावा है कि यह जटिल से जटिल कैलकुलेशन को मिनटों में सॉल्व कर सकता है।
सुंदर पिचाई ने लेटेस्ट Willow चिप की खूबियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह चिप अधिक से अधिक क्यूबिट का इस्तेमाल करता है, जिससे एरर को तेजी से सॉल्व किया जा सकता है। उन्होंने एक उदाहरण के जरिए समझाया कि यह चिपसेट 105 क्यूबिट के साथ पांच मिनट से भी कम जटिल गणना पूरी की।
गूगल की क्वांटम एआई यूनिट के प्रमुख हार्टमुट नेवेन ने कहा कि गूगल की यह उपलब्धि क्वांटम कंप्यूटिंग में एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनका मानना है कि यह चिप मेडिकल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समेत अलग-अलग क्षेत्रों में व्यापक बदलाव ला सकता है।
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ा चमत्कार
ट्रेडिशनल बाइनरी कंप्यूटर के मुकाबले क्वांटम कंप्यूटर में क्यूबिट का यूज होता है, जो बहुत तेज प्रोसेसिंग के लिए जाना जाता है। हालांकि, स्टेबिलिटी और एरर रेट के मामले में ये कुछ स्ट्रगल करता है। गूगल का कहना है कि उसकी यह चिपसेट में एरर रेट को कम करने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। यह रियल टाइम करेक्शन के साथ क्वांटम मशीनों की व्यावहारिकता को बढ़ाता है।
Willow चिप की पूरी क्षमताओं को अभी परखा नहीं जा सका है। हालांकि, यह जटिल से जटिल प्रॉब्लम को क्लासिक कंप्यूटिंग की तुलना में कुछ ही समय में हल कर सकता है। रिसर्चर्स का मानना है कि यह टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ा चमत्कार कर सकती है।
Willow चिप की खूबियां
क्लासिक बिट्स में किसी भी गणना के लिए बाइनरी 0 या 1 में से किसी एक वैल्यू का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं क्यूबिट्स में इन दोनों को एक साथ या फिर अलग अलग कॉम्बिनेशन जैसे – 00, 01, 10 और 11 में यूज किया जा सकता है। कैलकुलेशन के इस तरीके क्वांटम कंप्यूटर को जटिल से जटिल गणना को चुटकियों में हल कर सकता है। इससे यह क्लासिक या सुपर कंप्यूटर से एडवांस हो जाता है।
Google Willow चिप कैसे करती है काम?
क्वांटम कंप्यूटिंग हार्डवेयर में गूगल की Willow चिप महत्वपूर्ण डेवलमेंट है। इसमें सुपर कंडक्टिंग ट्रांसमोन क्यूबिट का इस्तेमाल किया गया है। यह मिनट इलेक्ट्रिकल सर्किट है, जो अल्ट्रा-लो टेंप्रेचर में क्वांटम प्रॉपर्टी में रहती है। इस क्वांटम स्टेट को प्रोटेक्ट करने के लिए क्यूबिट्स को लगभग शून्य पर कूल किया जाता है, जिससे कैलकुलेशन में संभावित एरर को कम करने का प्रयास किया जाता है।
विलो चिप में कई एडवांस फीचर है, जो बेहतर क्यूबिट कनेक्टिविटी और जटिल कैलकुलेशन को कम से कम एरर के साथ हल करने में सक्षम है। रैंडम सर्टिट सैंपलिंग बेंचमार्क टेस्ट के दौरान Willow चिप से कई कैलकुलेशन 5 मिनट से भी कम समय में हल की हैं। इस कैलकुलेशन को पूरा करने में दूसरे फास्ट सुपर कंप्यूटर को लगभग 10 सेप्टिलियन (10^25) वर्ष लग जाएंगे।