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बदला जाएगा 12वीं क्लास का एग्जाम पैटर्न, सिलैबस भी होगा चेंज

ओडिशा में उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्लस दो पाठ्यक्रम और परीक्षा में बड़े बदलाव करने की योजना तैयार की है। पाठ्यक्रम को छोटा करने के सात ही परीक्षा को सरल बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं।

प्रारंभिक चरण में प्रश्न पत्र सीबीएसई पैटर्न के अनुसार तैयार किया जाएगा। प्रश्न पत्र में विषय की प्रत्येक इकाई के अनुसार छोटे प्रश्न होंगे। परिणामस्वरूप, बच्चे पढ़ाई के दौरान सभी विषय को समान महत्व देकर पढ़ाई करेंगे।

ऐसा रहेगा प्रश्नों का पैटर्न
100 अंकों की परीक्षा में छात्रों को 80 प्रतिशत लघु उत्तरीय प्रश्नों का सामना करना पड़ेगा। प्रश्न पत्र में 50% अंकों का बहुविकल्पीय होगा। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 या 2 अंक होंगे।

औसतन 30 प्रतिशत लघु उत्तरीय प्रश्न होंगे। बच्चे के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रत्येक प्रश्न 2 या 3 अंक का होगा। केवल 20 प्रतिशत प्रश्नावली में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे। परिषद इस बात का ध्यान रखेगी कि पाठ्यक्रम के बाहर से प्रश्न न पूछे जाएं।

अगस्त एवं सितंबर में भरे जाएंगे फॉर्म
एक्स रेगुलर एवं रेगुलर विद्यार्थियों का फॉर्म अगस्त एवं सितम्बर माह में भरा जायेगा। ताकि विद्यार्थियों को अंतिम समय में परेशानी का सामना न करना पड़े।परीक्षार्थियों को परीक्षा से पहले केवल एडमिट कार्ड प्राप्त करना होगा।

बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों का इंटरनल टेस्ट नवंबर के पहले सप्ताह में होगा। थियोरी परीक्षा शुरू होने से एक महीने पहले परीक्षा कार्यक्रम जारी करने का परिषद ने निर्णय लिया है।थियोरी परीक्षा फरवरी 2025 से शुरू की जाएगी और मार्च के दूसरे सप्ताह तक पूरी कर ली जाएगी।

इस बार भी आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और वोकेशनल विषयों की परीक्षाएं एक साथ आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।काउंसिल ने फैसला लिया है कि प्रैक्टिकल परीक्षा जनवरी के पहले हफ्ते में ही आयोजित की जाएगी।

काउंसिल ने प्लस-टू कोर्स में भी बदलाव करने का काम किया शुरू
इतना ही नहीं काउंसिल ने प्लस दो कोर्स में भी बदलाव करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। कला, विज्ञान, वाणिज्य और व्यावसायिक विभागों की विभिन्न विषयों की समितियों ने कई बैठकें कीं और व्यापक चर्चा की। सिलेबस एनसीईआरटी के आधार पर तैयार किया जा रहा है।

मौजूदा पाठ्यक्रम में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा का पाठ्यक्रम और कम किया जाएगा। फिलहाल वोकेशनल विभाग में जिन कोर्सों की जरूरत नहीं है, उन्हें पाठ्यक्रम से बाहर किया जा रहा है और एआई, रोबोटिक्स जैसे नए कोर्स शामिल किए जा रहे हैं।

विद्यार्थियों के कौशल विकास को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। चूंकि इस बार शैक्षणिक वर्ष शुरू हो चुका है, इसलिए नए पाठ्यक्रम को शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।

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