बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर बवाल, दूसरे दिन भी छात्रों ने किया प्रदर्शन
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ बुधवार को भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं। एक दिन पहले हुई हिंसक झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।
सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। आंदोलन के एक प्रमुख समन्वयक आसिफ महमूद ने एक पोस्ट में कहा कि अस्पताल और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
इन लोगों के लिए आरक्षण समाप्त करने की मांग
प्रदर्शनकारियों की ओर से सरकारी नौकरी में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में शामिल परिवार के सदस्यों के लिए आरक्षण समाप्त करने की मांग की जा रही है। लेकिन, प्रधानमंत्री शेख हसीना की तरफ से इससे साफ इन्कार कर दिया गया, जिसके बाद प्रदर्शन तेज हो गए।
छात्रों ने परिसर के बाहर लगाए नारे
प्रदर्शनकारी छात्रों ने बुधवार को ढाका विश्वविद्यालय परिसर के बाहर नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सभी विश्वविद्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा की गई है। ढाका विश्वविद्यालय ने छात्रों को छात्रावास खाली करने का भी आदेश दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री ने हत्याओं की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है।