उत्तरप्रदेशराज्य

बागपत में गोवंश ने फसल बर्बाद की तो किसान ने फंदा लगाकर दी जान…

अमीपुर बालैनी गांव में अनुसूचित जाति के किसान जीतराम (65) के खेत में खीरे और लौकी की फसल गोवंश ने बर्बाद कर दी। इससे दुखी होकर किसान ने घर जाकर फांसी लगाकर जान दे दी। किसान ने केसीसी और कई बैंकों से कर्ज भी लिया हुआ था।

अमीपुर बालैनी गांव निवासी रामकिशन ने बताया कि उसका भतीजा जीतराम अपनी छह बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी करता था। उसके खेत की जमीन रास्ते से काफी नीचे थी और पिछले दो साल से हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ते ही फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो जाती थी। लगातार दो साल फसल बर्बाद होने के कारण जीतराम कर्ज में डूब गया। इस कारण काफी समय से वह परेशान था।
जीतराम ने कुछ दिन पहले खेत में खीरे और लौकी की फसल उगाई थी, मगर उसको बेसहारा पशुओं ने बर्बाद कर दिया। शुक्रवार शाम जीतराम खेत में गया तो वहां फसल की हालत देखकर वह परेशान हो गया। परिजनों के अनुसार इसका सदमा वह सह नहीं पाया और शुक्रवार रात उसने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शनिवार सुबह परिजनों को जीतराम का शव फंदे पर लटका मिला।

पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। किसान के परिवार में पांच बेटी और दो बेटे हैं, जो शादीशुदा हैं। इस मामले में पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के सही कारणों का पता चलेगा। आत्महत्या करने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

केसीसी, सोसायटी और कई बैंकों का कर्जा बता रहे परिजन
रामकिशन ने बताया कि जीतराम ने खेती के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, कई बैंकों और सोसायटी से कर्जा ले रखा था। खेती करने के लिए सोसायटी से खाद, बीज भी उधार ले रखा था। इसका तकादा होने पर वह परेशान हो जाता था। कुछ माह पहले उसने इस बारे में बताया था, मगर कर्ज की रकम की जानकारी नहीं दी। इसकी वजह से उसका समाधान नहीं करा पाए।

ये बोले अधिकारी
मेरी जानकारी में यह मामला नहीं आया है। इसका पता कराकर किसान के आत्महत्या के कारणों की जानकारी की जाएगी। गोवंश को लगातार पकड़वाया जा रहा है।
नीरज कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ

इन्होंने कहा…
गोवंश पकड़ने की जिम्मेदारी बीडीओ, प्रधान और सचिव की होती हैं। इसके लिए कई बार विभाग से पत्र लिखा गया है। मगर, गोवंश पकड़ने पर वह ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है।

डा. अरविंद त्रिपाठी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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