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बिजली संबंधी शिकायतों के लिए अब हर माह के दूसरे शनिवार को प्रखंडों में लगेंगे विशेष कैंप

बिजली संबंधी शिकायतों के लिए अब हर माह के दूसरे शनिवार को प्रखंडों में विशेष कैंप लगेंगे। इसमें आम उपभोक्ताओं की बिजली से जुड़ी समस्याएं सुनी जाएंगी और उनका निदान किया जाएगा। शुक्रवार को विधानसभा में ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिजली बिल में गड़बड़ी के अलावा अन्य कुछ मुद्दों पर उपभोक्ताओं की शिकायतें हैं। लेकिन, जहां भी शिकायतें होंगी, उन पर त्वरित कार्रवाई होगी। उन्होंने विधायकों से भी अपील की कि उनके क्षेत्र में इस तरह की शिकायतें हों तो वे अवश्य सूचित करें। 

विशेष राज्य का दर्जा मिले तो सस्ती हो बिजली- ऊर्जा मंत्री
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मु्द्दे पर गंभीर हैं। मंत्री ने कहा कि बिहार में पड़ोसी राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत काफी सस्ती बिजली दी जा रही है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में हम बिजली भी महंगी खरीद रहे हैं। जहां पश्चिम बंगाल 3.41 रुपए प्रति यूनिट, झारखंड 3.87 रुपए और यूपी 4.97 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद रहा है, वहीं बिहार 5.24 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद कर औसतन 2 रुपए से 3.15 रुपए प्रति यूनिट बिजली दे रहा है।

यही नहीं किसानों को सिंचाई के लिए हम महज 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली दे रहे हैं। इस वर्ष हमने सस्ती बिजली के लिए उपभोक्ताओं को 7800 करोड़ की सब्सिडी दी है। गत वर्ष 6578 करोड़ की सब्सिडी दी गयी थी। इतनी बड़ी राशि हम खर्च कर रहे हैं। इससे सस्ती बिजली और क्या होगी? यदि केन्द्र सरकार विशेष राज्य का दर्जा देता तो हम इससे और सस्ती बिजली दे सकते थे। मुफ्त बिजली की मांग सर्वथा अनुचित है। यह संभव नहीं। जो राज्य ऐसा कर रहे हैं, उन्हें परेशानी हो रही है।

स्मार्ट प्री-पेड मीटर देने की योजना
मंत्री ने कहा कि किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर खेत को सिंचाई का पानी योजना पर तेजी से काम हो रहा है। अभी 4.80 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन देने की योजना है। चौथा कृषि रोडमैप में कार्ययोजना बनायी जा रही है। सभी उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्री-पेड मीटर देने की योजना पर भी युद्धस्तर पर काम हो रहा है। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। बाद में केन्द्र सरकार ने भी बिहार मॉडल को देशभर में लागू करने का निर्णय लिया। बताया कि सूबे में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना पर भी काम हो रहा है। कजरा-पीरपैंती में सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। 

सोलर प्लांट्स पर सरकार का जोर
वहीं सरकारी भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर रुफ टॉप लगाए जा रहे हैं। इस समय इससे 20 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है। दो वर्षों में 9 हजार भवनों पर ऐसे प्लांट लगाए जाएंगे और इससे 65 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इसी क्रम में 3 हजार भवनों पर 23 मेगावाट का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया जा चुका है। इससे न केवल बिजली की बचत होगी बल्कि हमारे तंत्र आत्मनिर्भर भी होंगे। इसके पहले भाजपा के संजय सरावगी, कुमार शैलेन्द्र, अरुण शंकर प्रसाद, जनक सिंह, सीएन गुप्ता व एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान ने कटौती प्रस्ताव दिया। इसे सदन ने अस्वीकृत कर दिया। हालांकि इसके पहले भाजपा सदस्यों ने मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन का वॉकआउट किया।

मनमोहन सिंह के कारण बिहार पैकेज का 12 हजार करोड़ मिला
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पीएम मनमोहन सिंह की सरकार के कारण ही बिहार को स्पेशल पैकेज का 12 हजार करोड़ मिला। इसके लिए पीएमओ के तत्कालीन अधिकारी अरुणीश चावला ने बिहार की काफी मदद की। निश्चय दृढ़ हो तो हर प्रयास में सफलता मिलती है। यदि हम भी उस समय राजनीति करते तो क्या 12 हजार करोड़ ले पाते?

वाजपेयी व मनमोहन सरकार को किया याद
ऊर्जा मंत्री ने बिहार को बिजली प्रक्षेत्र में मदद के लिए केन्द्र की अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह सरकार को याद किया। उन्होंने भाजपा विधायकों के बयानों पर कड़ी आपत्ति करते हुए कहा कि यह देश एक है। बिहार उसका हिस्सा है। ये अलग-अलग नहीं हैं। केन्द्र हमें बिजली देती है तो कृपा नहीं है। हमने अपने बिजलीघर केन्द्र को सौंपे हैं, अब वहां से बिजली ले रहे हैं। बिहार को बिजली देना उसका दायित्व है। इसके लिए हम शुल्क चुकाते हैं। मुफ्त बिजली नहीं मिलती। बिजली पर काम होता है तो केन्द्र-राज्य दोनों के सहयोग से। इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह दुखद है।

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