बिहार में हार के बाद कांग्रेस में हलचल, खरगे से मिलने क्यों पहुंचे राहुल गांधी

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में हलचल है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करने पहुंचे हैं। इस मुलाकात के दौरान बिहार में खराब प्रदर्शन का आकलन करने पर चर्चा होने की उम्मीद है।
बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की करारी हार और एनडीए को प्रंचड जीत मिली है। महागठबंधन को मिली हार के बाद से विपक्षी पार्टी कांग्रेस में हलचल देखने को मिल रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात में राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन का आकलन करने पर चर्चा होने की उम्मीद है।
राहुल गांधी और खरगे की इस मुलाकात में राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन का आकलन करने पर चर्चा होने की उम्मीद है। इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने दावा किया कि बिहार विधानसभा चुनाव “शुरू से ही अनुचित” था, क्योंकि पार्टी 61 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद दोहरे अंक में सीटें हासिल करने में विफल रही।
खराब प्रदर्शन की समीक्षा करेगी पार्टी
2020 के बिहार चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़कर 19 सीटें जीती थीं। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी चुनाव के बाद अपने प्रदर्शन की समीक्षा करेगी और आश्वासन दिया कि कांग्रेस “संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ती रहेगी।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने महागठबंधन की हार के लिए “वोट चोरी” को जिम्मेदार ठहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और चुनाव आयोग को इसके पीछे “मास्टरमाइंड” बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस “संविधान की रक्षा और लोकतंत्र को बचाने” के अपने अभियान के प्रति प्रतिबद्ध है।
बिहार में कांग्रेस की मुश्किलें 2025 के चुनावों में भी जारी रहीं, जहां पार्टी ने 60 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल छह पर ही जीत हासिल कर पाई—जो कि 10 प्रतिशत से भी कम की निराशाजनक रूपांतरण दर है। महागठबंधन में उनके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को केवल 25 सीटें मिलीं, जिससे 243 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन की कुल सीटें 35 हो गईं।
एनडीए की ऐतिहासिक जीत
इस बीच, एनडीए ने 2025 के बिहार चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और राज्य की 243 में से 202 सीटें जीत लीं। सत्तारूढ़ गठबंधन ने 243 सदस्यीय सदन में तीन-चौथाई बहुमत हासिल किया। यह दूसरी बार है जब एनडीए ने विधानसभा चुनावों में 200 का आंकड़ा पार किया है। 2010 के चुनावों में, इसने 206 सीटें जीती थीं। एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 89 सीटें जीतीं, जनता दल (यूनाइटेड) ने 85, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (एलजेपीआरवी) ने 19, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (एचएएमएस) ने पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने चार सीटें जीतीं।
महागठबंधन के अन्य दलों, जिनमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) – सीपीआई(एमएल)(एल), भारतीय समावेशी पार्टी (आईआईपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) – सीपीआई(एम) शामिल हैं, इनको क्रमशः दो, एक और एक सीट मिली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक सीट मिली।
1951 के बाद सबसे ज्यादा मतदान
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में संपन्न हुए। बिहार में ऐतिहासिक 67.13% मतदान हुआ, जो 1951 के बाद से सबसे ज्यादा है। इस बार महिला मतदाताओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया (71.6% बनाम 62.8%)।
बंगाल चुनाव के लिए रास्ता साफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए रास्ता साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में “जंगल राज” का अंत करेगी। यहां पार्टी मुख्यालय में विजय समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस और राजद पर कई कटाक्ष किए। बिहार चुनाव में दोनों पार्टियों की करारी हार हुई है। प्रधानमंत्री ने कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख किया जहां भाजपा ने कभी अपनी सरकार नहीं बनाई है और कहा कि बिहार में भारी जीत ने केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया है।




