बीकानेर संभाग का पीबीएम अस्पताल राम भरोसे ही चल रहा है। शहर में इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और अस्पताल प्रशासनिक लापरवाही के चलते मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
डेंगू, मलेरिया, और वायरल बुखार जैसे मौसमी रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन अस्पतालों में इनकी देखभाल के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मरीजों को बेड के अभाव में फर्श पर लिटाकर उनका इलाज किया जा रहा है, जिससे अस्पताल की अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई है।
अस्पताल के विभिन्न वार्डों और मौसमी बीमारी वार्ड में मरीजों की भीड़ जमा है। कई मरीज गंभीर स्थिति में होने के बावजूद भी घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं। जगह की कमी के कारण अस्पताल के बरामदों और गलियारों में मरीजों को जमीन पर लिटाया जा रहा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को किराए पर बिस्तर लेकर इलाज करवाना पड़ रहा है।
अस्पताल में प्रतिदिन मौसमी बिमारियों से पीड़ित लगभग 50 मरीज भर्ती हो रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मौसमी बीमारियों के इस उछाल को देखते हुए पहले से ही तैयारी की जानी चाहिए थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हुआ है।
परिजनों का आरोप है कि हर साल इस मौसम में बीमारियों के मामले बढ़ते हैं, इसके बावजूद अस्पतालों में संसाधनों और डॉक्टरों की भारी कमी है। मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने से उनकी हालत और भी विकट हो गए है। प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्थाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को और खराब कर दिया है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के दावे तो खूब किए जा रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीजों की तस्वीरें हकीकत बयान करने के लिए काफी है।