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बीबीएमबी सचिव की नियुक्ति पर टकराव: पंजाब ने जल संसाधन विभाग से जताया ऐतराज

पंजाब सरकार ने पहले भी बीबीएमबी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, खासकर हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के मामलों में दोनों राज्यों के बीच टकराव हो चुका है।

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और पंजाब सरकार के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है। विवाद की वजह बनी है बीबीएमबी में सचिव की नियुक्ति। राजस्थान के बलवीर सिंह सिंहमार की पदोन्नति के बाद यह पद खाली हो गया है।

हाल ही में बीबीएमबी ने पंजाब के जल संसाधन विभाग को एक पत्र भेजकर सचिव पद की नियुक्ति के लिए नए मानदंडों के बारे में जानकारी दी थी। पंजाब सरकार ने इन मानदंडों पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण है और इससे पंजाब को उसका हक नहीं मिल पाएगा।

हरियाणा के अधिकारी को दी जा सकती है तैनाती
बीबीएमबी द्वारा सचिव पद के लिए नए मानदंड तैयार किए गए हैं ताकि हरियाणा के एक अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया जा सके। पंजाब सरकार ने पहले भी बीबीएमबी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, खासकर हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के मामलों में दोनों राज्यों के बीच टकराव हो चुका है।

नए बनाए गए नियमों के अनुसार, अब बीबीएमबी सचिव पद के लिए न्यूनतम 20 साल का अनुभव जरूरी कर दिया गया है। साथ ही, केवल सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर या एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को ही इस पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। इन शर्तों के चलते पंजाब के अधिकारी रेस से बाहर हो सकते हैं।

पंजाब का विरोध और मांग
पंजाब सरकार ने आज बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखकर इन नए मानदंडों पर कड़ी आपत्ति जताई है। पत्र में कहा गया है कि कोई भी नया मानदंड तैयार करने से पहले बोर्ड की स्वीकृति आवश्यक होती है, न कि चेयरमैन द्वारा एकतरफा फैसला।

इसके अलावा, 20 साल के अनुभव की शर्त को भी पंजाब ने अनुचित बताया है। पंजाब के जल संसाधन विभाग का कहना है कि राज्य में युवा अधिकारी सुपरिंटेंडिंग या एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पदों पर तैनात हैं, ऐसे में पंजाब को सचिव पद पर प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाएगा। पंजाब ने सुझाव दिया है कि यह अनुभव सीमा घटाकर 5 साल की जाए।

हरियाणा को लगातार फायदा, पंजाब वंचित
पंजाब सरकार का आरोप है कि दशकों से सचिव पद पर हरियाणा का कब्जा है, जबकि बीबीएमबी में पंजाब सबसे बड़ा हिस्सेदार है। इसके बावजूद पंजाब को इसका प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। पंजाब ने मांग की है कि सचिव पद के लिए बनाए गए नियम पहले बोर्ड से मंजूर किए जाएं ताकि सभी साझेदार राज्यों के बीच संतुलन बना रहे।

सूत्रों के अनुसार बीबीएमबी एक खास अधिकारी को सचिव बनाने की तैयारी में है, जिसे पहले पंजाब के विरोध के चलते हटा दिया गया था। बताया जा रहा है कि उस अधिकारी की केंद्रीय ऊर्जा मंत्री तक सीधी पहुंच है, जिससे मामला और भी संवेदनशील हो गया है।

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