
चमोली जिले के ब्लॉक पोखरी के पोगठा गांव में एक महिला का सामाजिक बहिष्कार इसलिए कर दिया गया क्योंकि उसके बेटे पर किसी व्यक्ति की हत्या का आरोप है। स्थिति यह है कि महिला न तो दुकानों से सामान खरीद पा रही है न सार्वजनिक स्थानों पर जा पा रही है। यही नहीं उसे सार्वजनिक वाहनों में बैठने से भी वंचित कर दिया गया। महिला ने इसकी शिकायत एसडीएम पोखरी अबरार अहमद से की। एसडीएम ने बैठक कर ग्रामीणों से सामाजिक बहिष्कार तुरंत वापस लेने के निर्देश दिए।
विकासखंड पोखरी के पोगठा गांव निवासी कमला देवी पत्नी हरीश लाल ने एसडीएम को बीते पांच जून को एक प्रार्थनापत्र सौंपा। महिला ने कहा कि उत्तम लाल पुत्र जसपाल की 11 नवंबर 2024 को पीटकर हत्या हो गई और उसके बेटे हिमांशु पर व्यक्ति की हत्या का आरोप है। बेटा अभी जेल में है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मगर इस घटना के बाद से उनके मोहल्ले के लोगों ने बैठक कर उसके परिवार के सामाजिक बहिष्कार का प्रस्ताव पास किया और उसे ग्राम पंचायत को भेज दिया। कहा कि उसके परिवार को जंगल में नहीं जाने दिया जा रहा है। साथ ही दुकानों से सामान खरीदने, सार्वजनिक स्थानों और सार्वजनिक वाहनों में बैठने से भी वंचित कर दिया है। उन्होंने एसडीएम से इस सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करवाने की गुहार लगाई।
एसडीएम ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर बहिष्कार वापस लेने के दिए निर्देश
एसडीएम अबरार अहमद ने मंगलवार को तहसील सभागार में ग्रामीणों की बैठक बुलाई। एसडीएम ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश में हैं, यहां सबको संविधान के तहत मौलिक अधिकार और जीने के अधिकार है। कोई किसी के जीने के अधिकार को नहीं छीन सकता। कहा कि आरोपी न्यायिक हिरासत में है, न्यायालय इस मामले में सजा तय करेगा। एसडीएम ने ग्रामीणों से तत्काल कमला देवी के सामाजिक बहिष्कार को वापस लेने और उसे गांव में सारी सुविधाएं देकर सम्मान से जीने देने के निर्देश दिए। बैठक में ग्रामीणों ने सकारात्मक रुख दिखाया। इस दौरान पोखरी व्यापार मंडल अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह राणा, पोखरी टैक्सी यूनियन अध्यक्ष विजयपाल सिंह रावत, एसआई दलवीर सिंह, पोगठा की निवर्तमान प्रधान पुष्पा देवी, रमेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, राजमोहन नेगी, पीड़िता कमला देवी, उनकी पुत्री हेमा, अधिवक्ता देवेंद्र बर्त्वाल मौजूद रहे।
तहसीलदार की अध्यक्षता में होगी बैठक
बैठक में तय किया गया कि जल्द गांव में तहसीलदार की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी, जिसमें पीड़ित पक्ष के साथ सभी गांव के लोग मौजूद रहेंगे। बैठक में सभी की मौजूदगी में सामाजिक बहिष्कार वापस लिया जाएगा।