बोरिंग काम भी लगने लगता है मजेदार और मिलती है अच्छी नींद…

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर (ADHD) के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली प्रिस्क्रिप्शन दवाएं सीधे तौर पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार करने के बजाय कार्यों में अधिक सतर्क और रुचि रखने में मदद करती हैं। अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर एक न्यूरोडेवलपमेंटल स्थिति है, जिसमें ध्यान कम लगता है और व्यवहार बेचैन युक्त और आवेगपूर्ण होता है।
मनोचिकित्सक द्वारा इलाज के तौर पर दी जाने वाली ये उत्तेजक दवाएं एडवाइज पर मिलती हैं। माना जाता है कि ये दिमाग में नारपेनेफ्रिन और डोपामाइन सहित केमिकल्स का लेवल बढ़ाकर काम करती हैं, जिससे ध्यान और आवेगों पर नियंत्रण में सुधार होता है। उत्तेजक दवाएं मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर बढ़ाकर ध्यान केंद्रित करने और किसी काम पर टिके रहने की क्षमता में सुधार करती हैं।
5,800 बच्चों के दिमाग का अध्ययन
अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं जिनमें अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के विज्ञानी भी शामिल हैं, ने लगभग 5,800 बच्चों के फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एफएमआरआइ) स्कैन का विश्लेषण किया, जो तब की मस्तिष्क गतिविधि को दर्शाते हैं जब वे किसी काम में संलग्न नहीं थे। जर्नल सेल में प्रकाशित परिणामों से पता चलता है कि उत्तेजक दवाएं मुख्य रूप से उन मस्तिष्क क्षेत्रों पर काम करती हैं जो पुरस्कार और जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, न कि उन क्षेत्रों पर जो ध्यान के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह भी पाया गया कि ये दवाएं दिमाग में ऐसी गतिविधि पैदा करती हैं जो अच्छी नींद के असर की नकल करती हैं, जिससे नींद की कमी के असर खत्म हो जाते हैं। एडीएचडी वाले बच्चों को नींद की समस्या होती है, जैसे कि सोने में दिक्कत और नींद में बेचैनी।
अरुचि वाले कामों में भी होती है रुचि
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के न्यूरोलाजी के प्रोफेसर और सह शोधकर्ता निको यू डोसेनबैक ने कहा कि हमने पाया कि उत्तेजक दवाएं हमारे मस्तिष्क को पहले से पुरस्कार देती हैं और उन चीजों पर काम करने की अनुमति देती है जिसमें हमारी रुचि नहीं रखती जैसे कि स्कूल में हमारी सबसे कम पसंदीदा कक्षा।
ध्यान केंद्रित करने में भी की मदद
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के बाल न्यूरोलाजिस्ट और सह नेता शोधकर्ता बेंजामिन ने कहा कि मुझे सिखाया गया है कि ये ध्यान प्रणालियों को सुविधाजनक बनाती हैं ताकि लोग रुचि के अनुसार ध्यान केंद्रित कर सकें, लेकिन हमने दिखाया है कि ऐसा नहीं है बल्कि ध्यान में जो सुधार हम देखते हैं, वह एक बच्चे के अधिक सतर्क होने और किसी काम को अधिक पुरस्कृत मानने का द्वितीयक प्रभाव है, जो स्वाभाविक रूप से उन्हें उस पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि एडीएचडी के लिए मूल्यांकन किए जा रहे बच्चों के लिए उत्तेजक दवा पर विचार करने के साथ-साथ अपर्याप्त नींद को संबोधित करना महत्वपूर्ण है।
नींद की कमी के प्रभाव को उलट देती है दवा
अध्ययन ने उन बच्चों के बीच मस्तिष्क कनेक्टिविटी के पैटर्न की तुलना की, जिन्होंने डाक्टरों के सुझाव पर उत्तेजक दवाएं लीं और जिन्होंने नहीं लीं। प्रतिभागी एक बड़े किशोर मस्तिष्क संज्ञानात्मक विकास (एबीसीडी) अध्ययन का हिस्सा हैं, जो अमेरिका में 11,000 से अधिक बच्चों का ट्रैक रख रहा है।




