उत्तरप्रदेशराज्य

 भरी पंचायत में हुए दोहरे हत्याकांड के आरोपी बरी, कोर्ट में पुलिस विवेचना की परतें उधड़ीं

बरेली में चार साल पहले नवाबगंज के जरेली गांव में भरी पंचायत के बीच गोलीबारी कर दोहरे हत्याकांड के आरोपी कोर्ट से बरी हो गए। गोलीबारी में कई लोग घायल हुए थे, पुलिस ने आठ लोगों पर हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस की लचर विवेचना और वादी व गवाहों के विरोधाभासी बयानों के कारण अभियोजन इस घटना को सही साबित करने में पूरी तरह विफल रहा।

जरेली निवासी गुलाम हैदर ने नवाबगंज थाने में 22 मई 2021 को तहरीर देकर बताया कि उसकी बहन की शादी गांव निवासी अजहर से हुई थी। दहेज की खातिर उसकी बहन को पीटकर छह महीने पहले निकाल दिया था। इस संबंध में फिदा अली उर्फ बाबू के घर पंचायत हो रही थी। इसमें अजहर की ओर से गांव के मंजर अली, अजहर अली, सरवर अली, जैफी, कलीम हैदर, जकी हैदर, जरी हैदर और चांद बाबू शामिल हुए थे। गुलाम की ओर से उसके पिता, चाचा व अन्य लोग शामिल हुए।

बातचीत के दौरान कलीम आगबबूला हो गया। विरोध पर असलहे निकाल कर फायरिंग की गई। कलीम हैदर ने उसके पिता हैदर अली पर गोली चलाई। मंजर अली ने चाचा गुलशन अली पर गोली चला दी। अजहर अली ने दूसरे चाचा सुल्तान अली व ताऊ अनवर अली पर गोली चलाई। इसके बाद जकी हैदर व जैकी ने चाची अंजुम बानो पर गोली चलाई।

नवाबगंज सीएचसी में गुलाम हैदर के पिता हैदर अली व चाचा गुलशन अली को मृत घोषित कर दिया गया। विवेचना के बाद मंजर अली, अजहर अली, सरवर अली, कलीम हैदर, जैफी, जरी हैदर, जकी हैदर व चांद बाबू के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी। पुलिस ने जकी हैदर की निशानदेही पर आला कत्ल के रूप में बंदूक बरामद की थी।

न्यायालय ने बरामदगी पर भी उठाए सवाल
न्यायालय ने मुकदमे के विवेचक धनंजय सिंह की विवेचना पर सवाल खड़े किए। विवेचक ने जकी अहमद और चांद बाबू से बरामदगी के समय न स्वतंत्र गवाह बनाए और न फर्द बयान लिखा गया। विवेचक ने घायलों के कपड़े का भी माल मुकदमा नहीं बनाया गया। विवेचक ने घायलों के बयान कराने में भी लापरवाही बरती। वहीं वादी और गवाहों के बयानों में भी विरोधाभास था।

25-25 हजार के इनामी घोषित कर पुलिस ने मारी थी गोली
जकी के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की गई। मुकदमे की सुनवाई रवि दिवाकर अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक के कोर्ट में चल रही थी। न्यायालय ने कलीम हैदर, मंजर अली, अजहर अली, जकी हैदर, सरवर अली, जैफी, जरी हैदर व चांद बाबू को दोषमुक्त कर दिया। चांद बाबू को आर्म्स एक्ट मामले में भी दोषमुक्त किया गया। जेल में निरुद्ध कलीम हैदर और मंजर अली को रिहा करने के आदेश दिए गए।

Related Articles

Back to top button