मध्यप्रदेशराज्य

भस्म आरती में निराले स्वरूप में सजे बाबा महाकाल

बाबा महाकाल भांग, त्रिपुंड, चंद्र और बेलपत्र से सजे। भक्तों ने इन भव्य दर्शनों का लाभ लिया और जय श्री महाकाल के जयकारे लगाए।

कालो के काल बाबा महाकाल की भस्म आरती के दौरान आज वे निराले स्वरूप में शृंगारित हुए। इस दौरान बाबा महाकाल भांग, त्रिपुंड, चंद्र और बेलपत्र से सजे और फिर उन्होंने भस्म रमाई। जिसके बाद भक्तों ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह 4 बजे हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। जिसने भी इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया वह देखता ही रह गया। आज भस्म आरती के दौरान मुम्बई के भक्त ने चांदी के आभूषण का दान किया।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह माघ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि शुक्रवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया।

पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का पूजन सामग्री से आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। जिसे देखकर भक्त बाबा महाकाल की भक्ति में लीन हो गए और जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे। जिसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।

भक्त द्वारा किया गया चांदी के आभूषण का दान
श्री महाकालेश्वर मंदिर में मुम्बई से पधारे दीपक रमेश पीवेलकर द्वारा मंदिर के पुरोहित पं.आदेश शर्मा की प्रेरणा से एक रजत मुकुट मय चंद्रमा और नाग सहित, 2 नग कुंडल, एक नग मुंडमाला, एक त्रिशूल श्री महाकालेश्वर भगवान को अर्पित किया गया। जिसका लगभग वजन 10228.08 ग्राम है। जिसे मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्राप्त कर विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी कोठार प्रभारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।

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