उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ते ही भाजपा में दावेदार भी खुल कर मैदान में उतरने लगे हैं। टिकट के लिए रस्साकशी में लगे दावेदार कोई मौका गंवाने के फेर में नहीं हैं। 21 विधानसभा सीटों पर सिटिंग विधायकों को दावेदारी के लिए अपनों से ही जूझना पड़ रहा है। भाजपा हाईकमान की तरफ से डेढ़ दर्जन से ज्यादा सिटिंग विधायकों के टिकट कटने के संकेत मिलने के बाद दावेदारों में कुछ ज्यादा ही उथल-पुथल है।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि एंटी इनकंबेसी को कम करने के लिए काफी नए चेहरे मैदान में उतारे जा सकते हैं। ऐसे में संभावित दावेदार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में माहौल बनाने की कोशिश में लगे हैं। कुछ दावेदार मंडल और जिलास्तर के संगठनों के माध्यम से सिटिंग विधायकों के खिलाफ माहौल बना रहे हैं तो कुछ सीधे प्रदेश संगठन से शिकायत कर रहे हैं, ताकि टिकट को लेकर मजबूत आधार बन सके।
पार्टी ने विधानसभा क्षेत्रों में पैनल तैयार करने के लिए पर्यवेक्षक भी भेज दिए हैं। दो-तीन दिन के भीतर सभी पर्यवेक्षकों को विधानसभा क्षेत्रों का पैनल तैयार कर प्रदेश नेतृत्व को सौंपना है। इसके बाद पैनल केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेजा जाएगा। जहां प्रत्याशियों के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
ओमगोपाल भी ठोक रहे हैं दावा: न रेंद्रनगर विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत भी मजबूती के साथ दावा ठोक रहे हैं। यहां से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल हैं। पूर्व विधायक ओम गोपाल ने कुछ दिन पहले गजा और खाड़ी क्षेत्र के लोगों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने लोगों से चुनाव लड़ने को लेकर रायशुमारी की। बकौल, ओमगोपाल वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले जब वे भाजपा में लौटे तो तब पार्टी की तरफ से उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट देने का भरोसा दिया गया था। अब पार्टी क्या फैसला लेगी, इसके बाद ही वे लोगों से फिर सलाह लेंगे।
विधायक विधानसभा संभावित नया चेहरा
चंद्रा पंत पिथौरागढ़ गीतिका, वीरेंद्र, केदार जोशी, राजू रावत
नवीन दुम्का लालकुंआं हेमंत, प्रदीप बिष्ट, दीप कोश्यारी, मोहन बिष्ट
रघुनाथ चौहान अल्मोड़ा कैलाश शर्मा, कुंदन लटवाल, गोविंद
बलवंत भौर्याल कपकोट सुरेश गडिया
मीना गंगोला गंगोलीहाट गीता ठाकुर, फकीर राम, दर्पण कुमार
महेंद्र भट्ट बदरीनाथ रघुवीर बिष्ट, गजेंद्र रावत व ऋषि प्रसाद सती
पूरन फत्र्याल लोहाघाट नरेंद्र लटवाल
कैलाश गहतोड़ी चंपावत प्रकाश पांडेय, दीप पाठक, गोविंद सामंत
मुकेश कौली पौड़ी राजकुमार पोरी, सविता सिंह व घनानंद
सुरेंद्र नेगी कर्णप्रयाग अनिल नौटियाल व सतीश लखेड़ा
भरत चौधरी रुद्रप्रयाग वाचस्पति सेमवाल
केदार रावत यमुनोत्री मनवीर चौहान, जगवीर भंडारी
शक्तिलाल शाह घनसाली सोहन लाल खंडेलवाल, दर्शनलाल
देशराज कर्णवाल झबरेड़ा मास्टर सत्यपाल
हरभजन चीमा काशीपुर त्रिलोक चीमा, बलराज पासी
प्रेम सिंह राणा नानकमत्ता श्रीपाल राणा
सुरेश राठौर ज्वालापुर देवेंद्र प्रधान
धन सिंह नेगी टिहरी खेम सिंह चौहान
विजय पंवार प्रतापनगर सोना सजवाण व रोशनलाल सेमवाल
दिलीप रावत लैंसडौन अनुकृति गुसाईं
मुन्नी देवी थराली गोपाल राम टम्टा और जीएस शाह
भाजपा में अनुशासन सर्वोपरि है। लोकतंत्र में सभी को पार्टी फोरम में अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन टिकट तो किसी एक ही व्यक्ति को मिलेगा। केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड जो भी फैसला लेगा, उसी के आधार पर सभी एकजुट होकर कमल के फूल को जिताएंगे।
मदन कौशिक प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा