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भारतीय सेना के लिए हैंड ग्रेनेड, ड्रोन से लेकर मिसाइल तक बनाती है ये लिस्टेड कंपनी

पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला भारतीय सेना ऑपरेशन सिंदूर (operation sindoor) के जरिए ले लिया है। सेना ने न सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा में घुसकर आतंकवाद के केंद्रों को तबाह कर दिया। तिलमिलाया पाकिस्तान भी पलटवार की बात कर रहा है, ऐसा हुआ तो युद्ध के हालात बन सकते हैं। इसे लेकर भारत पूरी तरह तैयार है।

दरअसल, भारत अपने हथियारों के लिए पाकिस्तान की तरह आयात पर निर्भर नहीं है। बल्कि देश की कंपनियां भी सेना को एक से एक हथियार सप्लाई करती हैं। आज हम आपको ऐसी की एक कंपनी के बारे में बताने जा रहे हैं। यह लिस्टेड कंपनी भारतीय सेना को हैंड ग्रेनेड से लेकर मिसाइल तक की सप्लाई करती है। यह कंपनी है सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड।

कौन-कौन से हथियार बनाती है सोलर इंडस्ट्रीज?

इस कंपनी ने 1996 में एक्सप्लोसिव और डेनोटर के उत्पादन से शुरुआत की थी। 2011 में इसने डिफेंस सेक्टर में कदम रखा। आज यह कंपनी हैंड ग्रेनेड, टीएनटी, रॉकेट, मिसाइल के वॉरहेड तक बनाती है। कंपनी ब्रह्मोस मिसाइल का बूस्टर बनाने वाली पहली प्राइवेट कंपनी है।

इसके अलावा, कंपनी एचएमएक्स, पायरो प्रोपेलेंट, पिनाका रॉकेट की असेंबली, मल्टीमोड हैंड ग्रेनेड का भी निर्माण करती है। कंपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन और हाई टेक डेटोनेटर भी बनाती है।

कितने रुपए का है सोलर इंडस्ट्रीज का शेयर?

नागपुर मुख्यालय वाली यह कंपनी साल 2006 में एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध हुई थी। आज इसके शेयर 13,295 रुपए पर ट्रेड कर रहे हैं, जो कि किसी भी अन्य डिफेंस कंपनी के शेयर से ज्यादा है। कंपनी का मार्केट कैप 1,20,270 करोड़ रुपए है। मार्केट कैप के लिहाज ये प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी डिफेंस कंपनी है।

सोलर इंडस्ट्रीज ही नहीं, भारत में टाटा एडवांस सिस्टम, एलएंडटी डिफेंस, एचएएल, पारस डिफेंस जैसी कई कंपनियां हैं जो आज सेना को हथियार और अन्य साजोसामान मुहैया करा रही हैं।

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